यूनान का इतिहास हमारी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। ग्रीक सभ्यता ने साहित्य, कला, विज्ञान, दर्शन और राजनीति के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस लेख में हम ग्रीकों के इतिहास की यात्रा पर जाएंगे और इसके महत्वपूर्ण पहलुओं को देखेंगे।
आदिम यूनान सभ्यता: यूनान की भूगोलिक स्थिति ने इसे संसार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाया। प्राचीन काल में, यहाँ के निवासियों ने विभिन्न समुदायों के बीच सम्बन्ध स्थापित किए और सभ्यता के नए पहलुओं का निर्माण किया। मिनोआन सभ्यता इसी समय में उभरी, जो क्रीट द्वीप पर स्थित थी। वहां के निवासी समुद्री व्यापार और संस्कृति में अद्भुत योगदान करने के लिए प्रसिद्ध थे।
यूनानी इतिहास में अगला महत्वपूर्ण चरण नगर-राज्यों के विकास का था। यहाँ के नगर-राज्य ने नये सामाजिक और राजनीतिक प्रणालियों का निर्माण किया और यहाँ की जनता में सशक्त स्वायत्तता एवं लोकतंत्र की अवधारणा का विकास हुआ। यही समय था जब यूनानी कला, दर्शन और विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान हुआ।
यूनानी पौराणिक कथाएँ: यूनानी पौराणिक कथाएँ यूनानी संस्कृति और समाज पर गहरा प्रभाव डाली। यूनानी देवताओं और देवीयों की कथाएँ यहाँ की संस्कृति और धार्मिक विश्वासों का महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। मौलिकतः, यूनानी देवताओं की कथाएँ भगवान ओलंपस के साथ जुड़ी होती थीं। ये कथाएँ यूनानी साहित्य और कला पर भी गहरा प्रभाव डालीं।
पेर्शियन युद्ध: पेर्शियन युद्ध यूनानी इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। इस युद्ध की शुरुआत 5वीं सदी ईसा पूर्व में हुई, जब पेर्शियन साम्राज्य ने यूनानी नगर-राज्यों के विरुद्ध आक्रमण किया। इस युद्ध में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं और यूनानी सेनाओं ने अपनी सामरिक क्षमता का प्रदर्शन किया। ये युद्ध यूनानी विजय के लिए महत्वपूर्ण रहे और इसने यूनान की भविष्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए।
ऐथेंस का स्वर्णयुग: ऐथेंस यूनान में एक सांस्कृतिक और बौद्धिक केंद्र के रूप में उभरी। इसका स्वर्णयुग 5वीं और 4वीं सदी ईसा पूर्व में था। यह ऐथेंस का शासक पेरिक्लीज, दार्शनिक सोक्रेटीज, और दार्शनशास्त्री प्लेटो के योगदान के समय था। इस समय ऐथेंस में कला, साहित्य, दर्शन, राजनीति और विज्ञान में विशेष उन्नति हुई। परंपरागत कला और वाणिज्यिक गतिविधियों में भी वृद्धि हुई। लेकिन ऐथेंस की स्वर्णयुग के बाद, पेलोपोनेसियन युद्ध ने उसकी शक्ति को घटा दिया और उसकी अवधारणा पर गहरा प्रभाव डाला।
अलेक्जेंडर महाने: अलेक्जेंडर महाने, जिन्हें महान अलेक्जेंडर के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख यूनानी सेनापति और सम्राट थे। उन्होंने विश्व विजय की ओर अपना प्रयास किया और अपने अद्भुत सेनापति कुशलता के कारण विजय प्राप्त की। अलेक्जेंडर के विजय के बाद, यूनानी संस्कृति और भाषा विस्तार पाई और हेलेनिस्टिक संस्कृति का उदय हुआ। इसका प्रभाव भारतीय, आफ्रिकी और एशियाई सभ्यताओं पर भी पड़ा। अलेक्जेंडर की सेना ने सिंधु नदी तक अपनी सीमा का विस्तार किया और वहाँ यूनानी संस्कृति को प्रमुख स्थान पर लाया।
हेलेनिस्टिक काल: हेलेनिस्टिक काल अलेक्जेंडर महाने के विजय के बाद शुरू हुआ। इस काल की संस्कृति और कला ने विश्व भर में प्रभाव डाला। हेलेनिस्टिक काल में कला, वाणिज्य, साहित्य, दर्शन और विज्ञान में विशेष प्रगति हुई। अलेक्जेंडर के बाद उनके सैनिकों और अनुयायियों ने विभिन्न स्थानों पर नगरों की स्थापना की, जिनमें से कुछ नगर आज भी महत्वपूर्ण स्थानों पर खड़े हैं। इस काल में कई प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक और विद्वान उभरे, जिनमें से ब्रह्मसूत्र के लेखक बादरायण, चित्रकला के कवि और कला-शास्त्री वासर्जनी के रूप में प्रसिद्ध कृष्ण कुंवर और रसगीत के नवरत्न भर्तृहरि विशेष महत्वपूर्ण हैं।
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