जानिए क्या है UPSC का इतिहास

जानिए क्या है UPSC का इतिहास
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यूपीएससी (UPSC) का उल्लेख सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यूपीएससी, भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का एक राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा प्रक्रिया है जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा भारतीय नागरिकों को विभिन्न सरकारी संगठनों और विभागों में सिविल सेवा के पदों के लिए नियुक्ति प्रदान करती है।

यूपीएससी की तैयारी में युवाओं को व्यापक ज्ञान, विश्लेषणात्मक योग्यता, सामान्य जागरूकता और तार्किक योग्यता की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा चाहे सिविल सेवा, पुलिस सेवा, वन सेवा, रेलवे सेवा या केंद्रीय सेवा जैसे किसी भी सरकारी पद के लिए हो, उसमें सफलता के लिए मान्यता प्राप्त क्रम माना जाता है।

यूपीएससी की परीक्षा का प्रथम चरण प्रारंभिक परीक्षा होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन, गणित, सामान्य विज्ञान, भूगोल, भारतीय इतिहास, भारतीय राजनीति, भारतीय अर्थव्यवस्था और सामान्य हिंदी जैसे विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके बाद चयनित छात्रों को मुख्य परीक्षा देनी होती है, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होते हैं। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों को अंतिम साक्षात्कार दिया जाता है और उन्हें नौकरी के लिए चयनित किया जाता है।

यूपीएससी की तैयारी के लिए छात्रों को निरंतर अभ्यास करना, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करना, सामान्य ज्ञान बढ़ाना, बेहतरीन लेखन कौशल विकसित करना और समय प्रबंधन करना आवश्यक होता है। छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम अधिसूचनाएं और अद्यतन ध्यान से पढ़ना चाहिए।

इस प्रकार, यूपीएससी एक अवसर प्रदान करता है जो युवाओं को एक उच्च ग्रेड सरकारी पद की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करता है। इसकी तैयारी धैर्य, समर्पण और निरंतर मेहनत की मांग करती है, लेकिन अगर यह सफलता मिल जाती है, तो इसका पुरस्कार बेहद महत्वपूर्ण होता है।

यूपीएससी (UPSC) यानी संघ लोक सेवा आयोग का इतिहास आज से करीब 100 वर्ष पहले शुरू हुआ था। यह भारतीय संविधान के तहत भारतीय सिविल सेवा की भर्ती और प्रशिक्षण का नियंत्रण करने के लिए गठित किया गया था।

UPSC की स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को ब्रिटिश शासन के दौरान हुई। पहले इसे संघ लोक सेवा परीक्षा बोर्ड के रूप में जाना जाता था, जो 1923 में ब्रिटिश सरकार द्वारा गठित किया गया था। यह बोर्ड सिविल सेवा की भर्ती परीक्षा का आयोजन करता था।

संघ लोक सेवा आयोग का मुख्य कार्य भारतीय सिविल सेवा के लिए प्रशिक्षण और भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करना है। यह आयोग भारतीय संविधान के अनुसार स्वतंत्र और न्यायपूर्ण तरीके से कार्य करता है। आयोग के सदस्यों का चयन भारतीय राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

UPSC के अंतर्गत कई प्रकार की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं जैसे सिविल सेवा परीक्षा, रक्षा सेवा परीक्षा, सेना चिकित्सा सेवा परीक्षा, संघ लोक सेवा (मुख्य) परीक्षा, आदि। ये परीक्षाएं अपने पदों पर सरकारी सेवाओं के लिए प्रशिक्षण और नियुक्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

UPSC के माध्यम से नियुक्त होने वाले अधिकारी विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत होते हैं जैसे कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय वन सेवा (IFS), आदि। ये अधिकारी देश के विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक सेवा के कार्यों का प्रबंधन करते हैं और निर्णय लेते हैं।

यूपीएससी भारतीय राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह संघीय सरकार के अधीन कार्य करता है।

यूपीएससी ने भारतीय सिविल सेवा को गर्व से नवीनतम विचारों, योग्यताओं और नैतिकता के साथ भरा है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की सेवा करने के लिए सक्षम और संवेदनशील नेताओं की तैयारी करना है। इसकी महत्वपूर्ण भूमिका देश के प्रगति और न्यायपूर्ण संविधानिक प्रणाली के संचालन में होती है।

यूपीएससी की विकास यात्रा ने संघ लोक सेवा को एक मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित सरकारी सेवा बनाया है जिसमें युवाओं को उच्चतम पदों का मार्ग प्रदान किया जाता है और देश की सेवा में उनका योगदान होता है।

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