जॉम्बी फायर एक ऐसी रहस्यमयी आग है, जिसे बुझाना बहुत मुश्किल होता है। यह एक प्राकृतिक आग है जो सालों तक जलती रहती है और इसे पूरी तरह से बुझा पाना लगभग असंभव होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये आग जलती कैसे रहती है और इसे काबू करना इतना कठिन क्यों है? आइए, इस अनोखी आग के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है जॉम्बी फायर?: जॉम्बी फायर एक ऐसी आग है जो जंगल की आग बुझने के बाद भी जमीन के अंदर या पेड़ों की जड़ों में धीमी-धीमी सुलगती रहती है। जब जंगल की आग को बुझा दिया जाता है, तो कुछ हिस्से गर्म रह जाते हैं। यही गर्म हिस्से, जैसे पेड़ों की जड़ें या मिट्टी के अंदर छिपी हुई आग, सुलगती रहती हैं और जॉम्बी फायर का रूप ले लेती हैं। ये आग नजर नहीं आती, लेकिन अंदर ही अंदर सुलगती रहती है और कभी भी बड़ी आग का रूप ले सकती है।
जॉम्बी फायर इतनी खतरनाक क्यों है?: जॉम्बी फायर इसलिए खतरनाक मानी जाती है क्योंकि यह जमीन के अंदर छिपी होती है। इसकी वजह से इसे पहचानना और बुझाना बेहद मुश्किल हो जाता है। ये आग बहुत धीरे-धीरे फैलती है और अक्सर लोगों को इसका पता नहीं चलता। चूंकि इसकी लपटें नजर नहीं आतीं, इसलिए लोग इसे हल्के में ले सकते हैं, लेकिन इसकी सुलगती हुई स्थिति में भी यह आग बड़ा नुकसान कर सकती है।
इसके अलावा, जॉम्बी फायर मिट्टी की उर्वरता को कम करती है और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ाती है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है। साथ ही, यह जंगलों को नुकसान पहुंचाती है और जलवायु परिवर्तन को भी बढ़ावा देती है।
कहां होती है जॉम्बी फायर?: जॉम्बी फायर अक्सर उन क्षेत्रों में होती है जहां जंगल की आग लगने की संभावना अधिक होती है। आर्कटिक क्षेत्र में जहां ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है, वहां इस तरह की आग ज्यादा देखी जाती है। इसके अलावा, बोरियल जंगल (उत्तरी गोलार्ध में पाए जाने वाले जंगल) और दलदली क्षेत्रों में भी जॉम्बी फायर की घटनाएं आम हैं। इन क्षेत्रों में जमीन के अंदर लंबे समय तक आग सुलगती रहती है, जिससे यह और खतरनाक हो जाती है।
जॉम्बी फायर से बचाव कैसे किया जा सकता है?: जॉम्बी फायर से बचने के लिए सबसे पहले जंगल की आग को रोकने के उपाय किए जाने चाहिए। इसके लिए जागरूकता फैलाना और सुरक्षा के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। जॉम्बी फायर की पहचान करने के लिए उपग्रह तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो जमीन के अंदर की आग को सुलगते हुए पहचान सकते हैं। इसे बुझाने के लिए विशेष उपकरणों और तकनीकों की जरूरत होती है, क्योंकि यह सामान्य आग की तरह नहीं होती जिसे पानी डालकर तुरंत बुझाया जा सके।
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