आपने अक्सर सुना होगा कि कुछ पतियों की शिकायत होती है कि उनकी पत्नी हमेशा चिड़चिड़ी रहती हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ये वही पत्नियां होती हैं, जो शादी से पहले काफी खुशमिजाज और हंसमुख हुआ करती थीं। शादी के बाद और खासकर बच्चों के आने के बाद उनकी चिड़चिड़ापन का कारण क्या होता है? एक हालिया रिसर्च ने इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की है।
इस रिसर्च के अनुसार, शादीशुदा महिलाओं में तनाव का मुख्य कारण बच्चे नहीं, बल्कि उनके पति होते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं को बच्चे और घर के कामों के बीच संतुलन बनाने में ज्यादा तनाव महसूस होता है। खासकर जब पतियों का सहयोग न मिले तो यह तनाव और बढ़ जाता है।
रिसर्च में यह पाया गया कि महिलाएं जब अपने पतियों से घर के कामों में मदद नहीं पातीं, तो उन्हें ज्यादा तनाव होता है। पिछले कुछ दशकों में महिलाओं ने घर के साथ-साथ बाहर के कामों में भी भाग लिया है, लेकिन पुरुषों ने घर के कामों में सहयोग देने में उतनी रुचि नहीं दिखाई। इससे महिलाओं को पेरेंटिंग और घरेलू कामों के बीच संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होती है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
2013 में "Today" नामक संस्था ने 7,000 से अधिक शादीशुदा महिलाओं पर एक सर्वेक्षण किया। इस अध्ययन में यह सामने आया कि महिलाओं का औसत तनाव स्तर 10 में से 8.5 था। 46% महिलाओं ने बताया कि उनके पति उन्हें उनके बच्चों से भी अधिक तनाव देते हैं। इसका कारण पतियों का पेरेंटिंग और घरेलू कामों में सहयोग न करना था।
इन रिसर्च के अलावा, पाडोवा विश्वविद्यालय ने भी तनाव पर एक अध्ययन किया। अध्ययन से पता चला कि लंबे समय तक तनाव रहने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जब पत्नी घर पर नहीं होती या किसी कारणवश अकेली रहती है, तो पति की सेहत में गिरावट देखने को मिलती है। दूसरी ओर, विधवा महिलाओं की सेहत बेहतर होती है और उनका तनाव स्तर कम होता है।
ये रिसर्च बताते हैं कि घर के कामों में पार्टनरशिप का महत्व बहुत अधिक है। पति-पत्नी के बीच कामों की समान हिस्सेदारी से न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि यह दोनों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालती है। इसलिए, अगर आप भी अपने रिश्ते को खुशहाल बनाना चाहते हैं और अपनी पत्नी को चिड़चिड़ापन से बचाना चाहते हैं, तो घर के कामों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और साथ मिलकर जिम्मेदारियों को बांटें। इस अध्ययन से साफ है कि पति-पत्नी के बीच सहयोग और समझदारी से न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि तनाव भी कम होता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
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