मुंबई: महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। MLC चुनाव का नतीजा आते ही शिवसेना एवं महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने वाले लगभग 2 दर्जन विधायक अचानक गायब हो गए हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी विधायक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और पुराने शिवसैनिक एकनाथ शिंदे के साथ गुजरात पहुंचे हैं। यहां सूरत में उन्हें हाई सिक्योरिटी के बीच रखा गया है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि उद्धव ठाकरे को झटका देने वाले एकनाथ शिंदे कौन हैं? उनके साथ गुजरात जाने वाले विधायकों में कौन-कौन सम्मिलित है तथा अब महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या होगा?
वही सोमवार को MLC की 10 सीटों पर चुनाव हुए। इसके लिए 11 प्रत्याशी मैदान में थे। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) मतलब शिवसेना, कांग्रेस एवं NCP के गठबंधन ने 6 प्रत्याशी उतारे थे तो बीजेपी ने पांच। विशेष बात ये है कि शिवसेना गठबंधन के पास सभी 6 प्रत्याशियों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल था, किन्तु वह एक सीट हार गई। इन 5 में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली तथा NCP-शिवसेना के खाते में दो-दो सीटें आईं। वहीं, बीजेपी के पास सिर्फ 4 सीटें जीतने भर की संख्या बल थी, किन्तु 5वीं सीट भी निकालने में पार्टी कामयाब रही। ऐसे में स्पष्ट है कि MLC चुनाव में बड़े स्तर पर क्रॉस वोटिंग हुई है। इसके साथ ही निर्दलीयों ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है। वही प्रत्येक प्रत्याशी को जीत के लिए 27 वोट की आवश्यकता थी। कांग्रेस के दलित चेहरे एवं पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए। प्रिफरेंशियल वोट्स की गिनती के बाद लाड एवं जगताप को निर्वाचित घोषित कर दिया गया, जबकि हंडोरे हार गए। नतीजे आने के बाद ये स्पष्ट हो गया कि एमएलसी चुनाव में खूब क्रॉस वोटिंग हुई। यह भी बताया जा रहा है कि ये सारे विधायक उद्धव सरकार से नाखुश थे। यही वजह है कि इन सभी ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे का साथ दिया तथा शिवसेना गठबंधन को झटका दे दिया। ये सभी गुजरात पहुंच गए हैं। एकनाथ शिंदे के साथ जो MLA गुजरात गए हैं, उनमें दो महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भी हैं। एक निर्दलीय विधायक का नाम भी सामने आ रहा है।
कौन से विधायक हो गए बागी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एकनाथ शिंदे के साथ बागी रूख अख्तियार करने वालों में तानाजी सावंत, बालाजी कल्याणकर, प्रकाश आनंदराव आबिटकर, अब्दुल सत्तार, संजय पांडुरंगा, श्रीनिवास वनगा, महेश शिंदे, संजय रायमुलकर, विश्वनाथ भोएर, संदीपन राव भूमरे, शांताराम मोरे, रमेश बोरनारे, अनिल बाबर, चिंमणराव पाटिल, शंभूराज देसाई, महेंद्र दलवी, शाहाजी पाटिल, प्रदीप जैस्वाल, महेंद्र थोरवे, किशोर पाटिल, ज्ञानराज चौगुले, बालाजी किणीकर, भरतशेत गोगावले, संजय गायकवाड, सुहास कांदे सम्मिलित हैं। इनमें अब्दुल सत्तार एवं शंभूराज देसाई मंत्री हैं। इसके अतिरिक्त एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे डॉ। श्रीकांत शिंदे भी विधायकों के साथ गुजरात पहुंचे हैं। श्रीकांत शिवसेना से सांसद हैं।
शिवसेना को झटका देने वाले एकनाथ शिंदे कौन हैं?
महाराष्ट्र में 9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ शिंदे सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आते हैं तथा मराठी समुदाय से हैं। एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की तथा इसके बाद वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे। ऑटो रिक्शे चलाते-चलाते एकनाथ शिंदे अस्सी के दशक में शिवसेना से जुड़े गए तथा पार्टी के एक आम कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया है। एकनाथ शिंदे वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के नगरविकास मंत्री हैं। एकनाथ शिंदे आरम्भ से ही शिवसेना से जुड़े रहे। पिछली बार हुए चुनाव में उन्होंने ठाणे की पछपाखडी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। वह निरंतर 4 बार चुनाव जीत चुके हैं। सबसे पहले 2004, फिर 2009, 2014 एवं 2019 में विधायक चुने गए। एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नजदीकी माना जाता था। 2019 में शिवसेना की ओर से शिंदे सीएम की दौड़ में सबसे आगे थे। हालांकि, उद्धव ठाकरे का नाम सामने आने के बाद वह बैकफुट पर आ गए थे।
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