वह सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का एक मिश्रण है. ब्रायन लारा ने 2018 में बड़े मंच पर बाद के आगमन के बाद पृथ्वी शॉ के बारे में पूछा. तो वेस्ट इंडीज के मानकों के क्रिकेटर से इस तरह की प्रशंसा ने शॉ के कौशल के स्तर की प्रशंसा की. उच्च बैकलिफ्ट, कुरकुरे स्ट्रोकप्ले और बल्लेबाजी के लिए एक निडर दृष्टिकोण संक्षेप में युवा मुंबईकर की बल्लेबाजी मैनुअल किसी भी क्रिकेट प्रेमी के लिए मनोरंजन का एक नुस्खा है. और इस उपहार के साथ लोगों को रोमांचित करते हुए शॉ कुछ ऐसा था जब वह मुश्किल से तीन साल का था.जब सचिन ने मुझे अपना बल्ला गिफ्ट किया, तो मैं भावुक हो गया था.
जब सचिन ने मुझे अपना बल्ला गिफ्ट किया: उनके पिता पंकज शॉ ने खुलासा किया. जब वीरार या नगर पालिका में. वे उसे टेनिस गेंद से खेलते हुए देखते हैं. तो एक बड़ी भीड़ होगी. क्योंकि अब वह जिस तरह से खेलता है वह उसी तरह से खेलता है. उसका स्वाभाविक खेल ऐसा है. इसलिए हर कोई कहेगा कि उसे मुंबई ले जाओ मैं उस समय क्रिकेट के बारे में नहीं जानता था. जबकि शॉ की प्रतिभा उन लोगों के लिए एक दिमाग नहीं थी. जो उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखते थे इस तथ्य के कारण कि वह मुंबई में कई कोच बंद कर चुके थे. जिससे पिता-पुत्र की जोड़ी वीरवार को वापस लौट गई. इससे उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई और शॉ का सफर अंततः वहीं से छूट गया. जब सचिन ने मुझे अपना बल्ला गिफ्ट किया, तो मैं भावुक हो गया था .
मुझे शुभकामनाएं दीं: ऐसा शॉ का कौशल था कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी बच्चे के बल्ले को देखने के लिए अपने नेट सत्रों में से एक का भुगतान किया. जब मैं 8 साल का था तब वह (तेंदुलकर) MIG में आए थे. शॉ ने बड़ी मुस्कुराहट के साथ कहा. यह सब मुझे याद है. वह कहीं से देख रहा था. लेकिन मुझे तब तक नहीं पता था जब तक उसने कुछ कहा नहीं. इसलिए प्रभावित था कि उसने शॉ को एक उपहार दिया. जब उसने मुझे बल्ला दिया तो मैं भावुक हो गया. उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं और कहा कि 'मुझे उम्मीद है कि आप इस बल्ले से बहुत रन बनाएंगे.
गावस्कर ने विराट की इस खिलाड़ी से की तुलना
वसीम जाफर के कंधे आई नई जिम्मेदारी, अब इस टीम को देंगे ट्रेनिंग