जानिए क्यों करते है मरने के बाद गंगाजल और तुलसी का प्रयोग

जानिए क्यों करते है मरने के बाद गंगाजल और तुलसी का प्रयोग
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हिन्दू धर्म में जल को शुद्धि करने वाला माना गया है. इसलिए पूजा-पाठ हो या कोई भी अनुष्ठान सबसे पहले जल से पूजन सामग्री और पूजा करने वाले को शुद्ध किया जाता है. स्नान भी इसी का हिस्सा है. लेकिन जल में गंगा नदी के जल को सबसे पवित्र माना जाता है. कारण यह है कि गंगा को स्वर्ग की नदी कहा गया है.

गंगा नदी के विषय में पुराणों में बताया गया है कि यह भगवान विष्णु के चरण से निकली है और शिव की जट में इनका वास है. इसलिए मृत्यु के समय मुंह में गंगा जल रखने से शरीर से आत्मा निकलते समय अधिक कष्ट नहीं होता है. यह भी मान्यता है कि मुंह में गंगा जल होने से यमदूत नहीं सताते हैं और जीव के आगे का सफर असान हो जाता है.

मृत्यु के समय गंगा जल के साथ एक और चीज मुह में रखी जाती है वह है तुलसी पत्ता. धार्मिक दृष्टि से तुलसी का बड़ा ही महत्व है. कहते हैं तुलसी हमेशा श्री विष्णु के सिर पर सजती है. तुलसी धारण करने वाले को यमराज कष्ट नहीं देते. मृत्यु के बाद परलोक में व्यक्ति को यमदंड का सामना नहीं करना पड़े इसलिए मरते समय मुंह में तुलसी का पत्ता रखा जाता है. 

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