सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक व्यक्ति के हथेली में तरह-तरह की रेखाएं और आकृतियां बनी होती है। जिसका संबंध उस व्यक्ति के जीवन में घटने वाली तमाम तरह की घटनाओं से होता है। हमारी हथेली पर जीवन रेखा, ह्रदय रेखा, विवाह रेखा और भाग्य रेखा होती है। इसके साथ पर्वत भी होते हैं जो ग्रहों से जुड़े होते हैं।
हथेली पर बनने वाले पर्वत
गुरु पर्वत तर्जनी के नीचे वाले हिस्सा को कहते हैं।
शनि पर्वत मध्यमा के नीचे स्थित होता है।
अनामिका के नीचे स्थित पर्वत को सूर्य पर्वत कहते हैं।
कनिष्ठा के नीचे वाले पर्वत को बुध पर्वत कहते हैं।
अंगूठे के नीचे बना पर्वत शुक्र पर्वत कहलाता है।
ऐसा व्यक्ति होता है भाग्यशाली
जब हथेली पर भाग्य रेखा मणिबंध से शुरू होकर सीधे शनि पर्वत पर मिलती है तो ऐसा व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति जीवन के हर एक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
इन्हें मिलती है जीवन में सफलता
इसके अलावा जिस किसी की हथेली में भाग्य रेखा चंद्रमा के क्षेत्र से प्रारम्भ होता है उसका हर काम सफल होता है और जीवन में बहुत मान-सम्मान प्राप्त होता है।
इन लोगों का आर्थिक जीवन होता है शानदार
वहीं अगर भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो उस व्यक्ति के जीवन में धन संबंधी कभी भी परेशानियां नहीं आती।
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