कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले के आरोप में अरेस्ट किए गए भाजपा नेता सुभेंदु अधिकारी के करीबी राखल बेरा को फ़ौरन रिहा करने का आदेश दिया है। वहीं पुलिस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया है कि मणिकतला पुलिस स्टेशन में सुजीत डे नामक शख्स की शिकायत के आधार पर राखल बेरा को उनके आवास के बाहर से अरेस्ट किया गया था।
दरअसल, सुजीत डे ने बेरा और अन्य पर राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने का इल्जाम लगाया था। पुलिस को दिए अपने बयान में, शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी राखल बेरा ने जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के मध्य कोलकाता के मानिकटोला रोड पर साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के एक फ्लैट के भीतर एक कैंप का आयोजन किया।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल सिंचाई और जलमार्ग विभाग के ग्रुप डी (फील्ड स्टाफ) में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जनता से भारी मात्रा में धन जुटाया था। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उससे 2 लाख रुपये लिए, किन्तु 2019 में आयोजित उक्त शिविर के दौरान वादा किए गए सरकारी नौकरी नहीं दी गई।
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