कोलकाता: कोलकाता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भड़की भीषण हिंसा के मामले की सुनवाई आज पूरी हो गई है और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से मामले पर सभी स्वत: संज्ञान मामलों के रिकॉर्ड मुहैया कराने के लिए कहा है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) समिति ने 13 जुलाई को सौंपी गई अंतिम रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर तीखी टिप्पणी की थी. बता दें कि कोर्ट के निर्देश पर NHRC के अध्यक्ष ने समिति गठित की थी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इस पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस आई पी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस सुब्रत तालुकदार शामिल हैं. हाई कोर्ट ने 18 जून को NHRC अध्यक्ष को समिति गठित करने के निर्देश दिए थे. राजीव जैन के नेतृत्व वाली समिति और NHRC के कई दलों ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और शिकायतों की वास्तविकता का पता लगाया.
दो मई को विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद पश्चिम बंगाल में कई इलाकों में झड़पों की खबर मीडिया में आई थी. बगाल सीएम ममता बनर्जी ने मई महीने के शुरू में कहा था कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसा में 16 लोगों की जान गई है.
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