कोलकाता: केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में महिला प्रवेश पर जारी विवाद के बाद अब कोलकाता में पूजा के दौरान महिला प्रवेश पर निषेध का मामला सामने आया है. कोलकाता स्थित चेतला प्रदीप संघ के पंचमुंडा कालीपूजा के मंडप में महिलाओं के प्रवेश को पूर्णरूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है. लोग इसे न केवल महिलाओं को समान अधिकार पर चोट, बल्कि लैंगिक असमानता को बढ़ावा देने के रूप में भी देख रहे हैं.
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पूजा कमेटी के लोग जहां इसे विशेष व पारंपरिक पूजा कर्मकांड का एक अभिन्न व बेहद जरूरी अंग मान रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस नियम को पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को समानता के हक से दूर रखने और नारी अधिकार का हनन करने के रूप में भी देख रहे हैं. पूजा कमेटी के सदस्यों का तर्क है कि 34 साल पूर्व पूजा की प्रथम वर्षगांठ से यह नियम चला आ रहा है.
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तारापीठ के विशेष पुजारी ने बताया है कि केवल विशेष पूजा (तंत्र साधना) की विधि के दौरान ही महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है, जबकि अन्य पूजा आयोजन व् कर्मकांड में महिलाएं समान रूप से भाग लेती हैं. वहीं तारापीठ के ही एक पुजारी मूलमंत्र राय (81) ने इस नियम पर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा है कि तारापीठ तंत्र साधना के लिए विख्यात है, मैं वर्षो से यहां का पुजारी रहा हूं, मैंने मंदिर में ऐसा कोई नियम आज तक नहीं देखा है.
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