नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को डर है कि अगर आगामी महिला मुक्केबाज़ी की विश्व चैम्पियनशिप के लिए कोसोवो की एकमात्र मुक्केबाज को भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई तो भारत पर भविष्य में बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल टूर्नामेंट की मेजबानी गंवाने का खतरा मंडराता रहेगा. गुरूवार से शुरू हो रही चैम्पियनशिप में कोसोवो की मुक्केबाज डानजेता साडिकू की भागीदारी पर अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि भारत सरकार ने अभी तक इस मुक्केबाज और उनके दो कोचों को वीजा जारी नहीं किया है.
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दरअसल, भारत, कोसोवो को मान्यता नहीं देता जो दक्षिण पूर्व यूरोप का विवादास्पद क्षेत्र है, लेकिन साडिकू के पास अल्बानिया का पासपोर्ट है तो भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को इस मुद्दे के सुलझने की आशा है, क्योंकि भारत के अल्बानिया से राजनीतिक संबंध अच्छे हैं. आईओए अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘आईओसी बीते समय में अंतरराष्ट्रीय महासंघों को पत्र भेज चुका है कि बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी स्पेन को न दे क्योंकि कोसोवो के खिलाड़ियों को कराटे विश्व चैम्पियनशिप में अपने ध्वज तले भाग लेने की अनुमति नहीं दे रहा था.
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उन्होंने कहा, ‘आईओसी के लिए खेल और राजनीति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आईओसी खेलों को राजनीति से जोड़कर नहीं देखती और इसके सदस्य देशों को भी इन्हीं दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए.’ आईओए अधिकारी ने यह भी बताया कि ब्राजील भले ही इस विवादास्पद देश को मान्यता नहीं देता लेकिन कोसोवो ने 2016 रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था. वहीं भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, हम इस बारे में विदेश मंत्रालय से चर्चा कर रहे हैं, जल्द ही कोई हल निकल जाएगा.
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