देहरादून: उत्तराखंड में साल 2017 के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषी नीलू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की अदालत में दोषी नीलू को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। कोटखाई में वर्ष 2017 में हुए गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में CBI ने जांच कर चालान में चरानी नीलू दोषी पाया है। नीलू को जिला शिमला की स्पेशल कोर्ट ने 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था। जिस पर दोषी को सजा तय होनी थी, किन्तु कोरोना प्रतिबंधों के कारण लगातार सुनवाई टलती रही। जिसके बाद आज नीलू को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है।
4 जुलाई, 2017 को शिमला जिले के कोटखाई की एक स्टूडेंट स्कूल से लौटते वक़्त लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का नग्न अवस्था में शव बरामद हुआ था। उसके बाद मामले में गठित SIT भी इससे सम्बंधित लॉक अप सूरज हत्याकांड में सलाखों के पीछे रही। जनता के SIT जांच से संतुष्ट न होने, केंद्र की तरफ से CBI जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख राज्य सरकार सीबीआई जांच को लेकर उच्च न्यायालय गई, जिस पर HC ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए थे।
CBI ने इस मामले में 13 अप्रैल, 2018 को नीलू नामक एक आरोपी को अरेस्ट किया। सीबीआई ने नीलू चिरानी के खिलाफ जुलाई, 2018 में अदालत में चालान पेश किया था। अब नीलू को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
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