नई दिल्ली: इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने मंगलवार को पाकिस्तान की कुलभूषण जाधव मामले को स्थगित करने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। ICJ में भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई के मामले में आज पाकिस्तान ने अपनी दलील अदालत के समख रखी। सोमवार को भारत ने इस मामले में अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखा था, साथ ही कहा था कि एक निर्दोष भारतीय को अपने जीवन के अहम साल पाक की जेल में बिताने पड़े हैं। पाकिस्तान की ओर से अड-हॉक जज को लेकर जताई गई आपत्ति पर आईसीजे ने कहा है कि इसे दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही इस पर जवाब दिया जाएगा।
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मंगलवार को भारत के आरोपों का जवाब देते हुए पाकिस्तान के वकील ने अपना पक्ष अदालत के सामने रखा। पाक के अटॉर्नी जनरल ने अपने तर्कों की शुरूआत झूठ से की और जाधव को ही नहीं, बल्कि भारत पर भी आतंक समर्थक होने का आरोप मढ़ दिया। पाक अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने अदालत में कहा, 'मैं खुद भारतीय क्रूरता का शिकार हुआ हूं। एक युवा आर्मी अधिकारी के तौर पर मैं भारत की जेल में कैद रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले में 140 मासूम बच्चों की मौत हुई थी। यह आतंकी हमला भारत द्वारा समर्थित अफगानिस्तान ने किया था।'
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पाकिस्तान ने दलील देते हुए कहा है कि, 'बहुत से स्थानीय लोगों से जाधव का संपर्क था और उसने कई को विरोधी ताकतों को सूइसाइड बॉम्बर बनने के लिए तैयार कर लिया था, ताकि पाकिस्तान में दहशत फैलाई जा सके। पाक ने कहा कि इसी बीच चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर को भी प्रभावित करने का प्रयास किया गया था, जो पाकिस्तान की प्रगति का अहम अंग है। यह काम किसी एक व्यक्ति का नहीं है। यह पूरी तरह से भारत द्वारा प्रायोजित है।'
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