नई दिल्ली : कल सोमवार को पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण से उनकी माँ और पत्नी की मुलाक़ात कराई गई. लेकिन ऐसा लगा कि शीशे की दीवार के पीछे बैठे कुलभूषण जाधव पाकिस्तानी कूटनीति का नया मोहरा बन गए हैं. जाधव की मां और उनकी पत्नी से मुलाकात करवाकर पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की कूटनीति को आगे बढ़ाया है.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के बयान के अनुसार पाकिस्तान ने इस मुलाकात की अनुमति इस्लामिक परंपरा के अनुसार मानवता के आधार पर दी है.जबकि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी जेपी सिंह कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को लेकर मुलाकात स्थल पर ले गए. जहां शीशे की दीवार के इस पार से भारतीय अफसर कुलभूषण की मां और पत्नी उन्हें केवल देखते रहे.इस दौरान काऊंसलर को भी जाधव के पास जाने की आवाज अनुमति नहीं मिली. शीशे के उस पार से इंटरकॉम पर कुलभूषण की बात करवाई गई.ऐसा लगा यह मुलाक़ात एक दिखावा था.
इस मामले में लाहौर जेल में 2013 में मारे गए बहुचर्चित भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने कहा कि कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी और मां से मुलाकात के दौरान शीशे की दीवार के आरपार बिठाकर पाकिस्तान ने 'क्रूर मजाक' किया है.इस मुलाकात में मानवता का ध्यान नहीं रखा गया. इस मुलाकात का कोई मतलब नहीं रहा. उनका परिवार उन्हें गले लगाना चाहता होगा, उनसे बेरोकटोक बात करना चाहता होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.पाकिस्तान ने जाधव के परिवार और हमारे देश के लोगों से क्रूर मजाक किया. उन्होंने मुलाकात के नाम पर नाटक रचा.
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