न्यूयॉर्क: इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय वकील हरीश साल्वे की जमकर प्रशंसा हो रही है। पाकिस्तान ने ICJ में जहां दो वकील बदले वहीं, साल्वे अकेले ही पाक के दोनों पर भारी पड़े और जाधव की फांसी रुकवाने में सफलता दिलाई। सबसे विशेष बात तो यह रही कि देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव का मुकदमा अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ने के लिए बतौर फीस केवल एक रुपया ही लिया।
वहीं, पाकिस्तान ने भारतीय मूल के कुलभूषण जाधव को जासूस साबित करने के लिए अपने वकील पर 20 करोड़ रुपये से अधिक फूंक दिए। साल्वे ने ICJ में पाक की बखिया उधेड़ने के लिए जाधव मामले की नींव ही वियना संधि के उल्लंघन पर रखी। साल्वे ने अपनी दलीलों से न केवल यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर एक्सेस न देकर वियना संधि का उल्लंघन किया है बल्कि भारतीय नागरिक की फांसी की सजा रुकवाने में भी कामयाब रहे।
साल्वे अपने तर्कों के माध्यम से जाधव को भारतीय नागरिक साबित करने में भी सफल रहे। साल्वे के तर्कों के सामने पाकिस्तानी वकली खावर कुरैशी लाचार नज़र आए। साल्वे की दलीलों के कारण ही ICJ ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला दिया। उन्होंने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए कई दलीलें पेश कैट हुए कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय और बुनियादी कानूनों की धज्जियां उड़ा दीं।
कुलभूषण जाधव के लिए आज का दिन अहम, उनकी फांसी की सजा पर आएगा फैसला
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