द हेग: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई में भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे दलील दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि यह मामला विएना संधि के उल्लंघन का है. उन्होंने कहा है कि, ''जाधव को बिना काउंसलर की सुविधा दिए कई दिनों तक कस्टडी में रखा गया है. इसे गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान इसको एक प्रोपैंगेडा के हथियार के रूप में उपयोग कर रहा है. पाकिस्तान को अविलंब जाधव को काउंसर की सुविधा देनी चाहिए क्योंकि वो ऐसा करने के लिए बाध्य है.
अंतर्राष्ट्रीय अदालत में चल रही कुलभूषण जाधव की सुनवाई, पाकिस्तान ने सुनाई है सजा-ए -मौत
उन्होंने कहा है कि, 30 मार्च, 2016 को भारत ने जाधव को काउंसलर सुविधा दिलाने के लिए पाकिस्तान से आग्रह किया था, किन्तु कोई जवाब नहीं मिला. उसके बाद अलग-अलग तारीखों में 13 बार भारत की तरफ से इस तरह का आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा है कि 19 जून, 2017 को भारत ने पाकिस्तान से जांच में सहयोग की अपील करते हुए कहा था कि जाधव के किसी आतंकी गतिविधि में शामिल होने के सम्बंधित पाकिस्तान की ओर से कोई विश्वसनीय सबूत मुहैया नहीं कराए गए.
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अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में सोमवार से शुरू हो रही चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई में भारत और पाकिस्तान अपना-अपना तर्क अदालत के समक्ष रखेंगे. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. वहीं भारत का कहना है कि जाधव निर्दोष हैं और पाकिस्तान द्वारा उन्हें फंसाया जा रहा है.
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