कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल को देखते हुए बहुत सख्ती बरती जा रही है। अब इसी बीच अंतराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सिर्फ 7 प्रमुख देवी-देवताओं के साथ भगवान रघुनाथ की रथयात्रा परंपराओं का निर्वहन करने के बारे में कहा गया है। जी हाँ, हाल ही में दशहरा उत्सव को लेकर एक मीटिंग हुई है। यह मीटिंग कैबिनेट मंत्री एवं चेयरमैन दशहरा उत्सव समिति गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में कारदारों के साथ हुई। इस दौरान सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया है।
निर्णय को लेकर सभी कारदारों ने सहमति जताई है। जी दरअसल कुल्लू में देवसदन के सभागार में सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दशहरा उत्सव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक हुई, इस बैठक में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रशासनिक अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री एंव चेयरमैन दशहरा उत्सव समिति गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि, 'इस बार का दशहरा उत्सव कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते भिन्न परिस्थितियों में सुक्ष्म तरीके से परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, 'कोविड-19 के एसओपी के हिसाब से सीमित संख्या में रथयात्रा होगी और रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट होंगे।
दशहरा उत्सव समिति इस बार किसी भी देवी देवताओं का विधिवत निमंत्रण नहीं देगी। ना ही नजराना दिया जाएगा।' जी दरअसल यह भी कहा जा रहा है कि भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने जो तय किया है, उसके हिसाब से भगवान रघुनाथ की परंपरा में निभाई जाएगी। इस बार देवता के पास रात को सिर्फ 10 लोग रहेंगे और इसी के साथ सामाजिक दूरी का भी पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। इस बारे में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रशासन की तरफ से सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
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