देखा जाए तो फरवरी का महीना है और प्यार का हफ्ता चल रहा है। इस बार वेलेंटाइन वीक में प्यार से ज्यादा तकरार दिखाई दे रही है। कई कपल्स तालाक ले रहें हैं, और कई ब्रेकअप का गम झेल रहे हैं। अब इसी बीच आया कुमार विश्वास का जन्मदिन... जी हाँ, आज कुमार विश्वास का हैप्पी वाला बर्थडे है। अब उनकी कविता ‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ तो लगभग हर किसी ने सुनी ही होगी, पर उन्होंने कई ऐसी भी कविताएं लिखी हैं, जो दिल के दर्द को कहीं बेहतर ढ़ग से बयां करती हैं। वैसे भी इश्क में हारा हुआ आशिक किसी घायल शेर से कम नहीं होता।
आम आदमी के चहेते हमारे कवि और आम आदमी पार्टी नेता डॉ. कुमार विश्वास का आज जन्मदिन है। 10, फरवरी 1970 को यूपी के पिलखुवा में जन्में कुमार विश्वास ने हिंदी साहित्य में पीएचडी की हुई है। उनके पिता लेक्चरर थे और बाद कुमार विश्वास ने भी राजस्थान के एक कॉलेज से बतौर लेक्चरर अपनी प्रोफेशनल जिंदगी की शुरूआत की। कविता जगत में कुमार विश्वास की कई कविताएं, शायरी मशहूर हुई हैं। यहां हम कुमार के जन्मदिन पर उनसे जुडी कुछ जानकारियां देने जा रहे हैं। पढ़ें:
(1) 16 साल तक रहे लेक्चरर के पद पर :
कुमार विश्वास ने हिंदी साहित्य से पीएचडी करने के बाद राजस्थान के एक कॉलेज में लेक्चरर के पद पर 1994 में ज्वाइन किया। इसके बाद वे लगातार 16 साल तक कॉलेज में पढ़ाते रहे। इस दौरान कुमार ने कई कविताएं और शायरियां लिखीं, जिनके बाद वे कविता जगत में काफी प्रसिद्ध हुए।
(2) राजनीति में रखा इस तरह कदम :
साल 2011 में लोकपाल बिल के लिए शुरू हुए समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन ने कुमार विश्वास को एक नई पहचान दी। इस आंदोलन में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास आदि बाद में बड़े चेहरे बनकर उभरे। अन्ना हजारे के इस आंदोलन ने बाद में एक राजनीतिक पार्टी का रूप लिया और इसका नाम आम आदमी पार्टी पड़ा। हालांकि, पार्टी में अन्ना हजारे नहीं शामिल हुए। निर्भया रेप केस, गुडि़या रेप केस, कोयला घोटाले आदि को आम आदमी पार्टी ने प्रमुखता से उठाया। पार्टी की ओर से किए गए इन आंदोलनों में कुमार विश्वास भी शामिल हुए और इस तरह उन्हें राजनेता के रूप में नई पहचान मिली।
(3) कुमार विश्वास ने 2014 में लड़ा लोकसभा चुनाव :
दिल्ली में हुए 2013 के विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर सरकार बनाने के बाद कुमार विश्वास को पार्टी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भेजा। वे यहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरे थे। हालांकि, उन्हें इन चुनावों में असफलता ही हाथ लगी और वे चौथे स्थान पर आए।
(4) कई देशों में कविता पाठ कर चुके हैं कुमार विश्वास :
कुमार विश्वास कई देशों में कविता पाठ कर चुके हैं। कुमार के मुताबिक, वे पहले ऐसे कवि हैं, जिन्होंने ऐसे देशों में कविता पाठ किया, जहां कभी भी हिंदी के कवि को नहीं बुलाया गया था। उन्होंने दुबई, अमेरिका, जापान आदि देशों में कविता सुनाई है।
(5) सोशल मीडिया पर हैं काफी मशहूर :
वर्तमान समय में कुमार विश्वास संभवत: ऐसे कवि हैं जिनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर्स हैं। फेसबुक पर कुमार के 32 लाख फॉलोवर्स हैं और ट्विटर पर भी 15 लाख लोगों उन्हें फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया वेबसाइट यू-ट्यूब पर भी उनकी कई कविताओं को भी लाखों व्यूज मिल चुके हैं।
(6) कुमार विश्वास को मिल चुके हैं कई पुरस्कार :
डॉ. कुमार विश्वास को अब तक कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। उन्हें 1994 में डॉ. कुंवर बैचेन काव्य सम्मान एवं पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 2004 में वह साहित्य भारती द्वारा उन्नाव में डॉ. सुमन अलंकरण सम्मान से नवाजे गए। इसके अलावा भी उन्हें राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने साल 2014 में कैलिफ़ोर्निया स्थित गूगल हेडक्वार्टर में भारतीय और दक्षिण एशिया मूल के गूगल कर्मियों को संबोधित भी किया था।
(7) कुमार अपने कमेंट्स की वजह से भी विवादों में रहे :
लोकसभा चुनावों के दौरान कुमार विश्वास विवादों में भी आए। कवि सम्मेलनों के दौरान कई वर्षों पहले कुमार विश्वास द्वारा की गईं टिप्पणियों की वजह से विवाद पैदा हुए। जिसके कारण वह काफी सुर्खियों में भी हमे नजर आते रहे है।
(8) ये हैं कुछ प्रमुख कविताएं :
कुमार विश्वास की एक पगली लड़की के बिन. कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है. होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो. मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक आदि कविताएं काफी मशहूर हुईं।
एक कवि की कहानी 'आप' का विश्वास
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है 'आप'का विश्वास