कभी कभी बुद्धिमान व्यक्ति से भी गलती हो जाती है, जिसके कारण उन्हें शर्मिंदा होकर मौन रह जाना पड़ता है. ऐसा ही कुछ हुआ आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास और शिल्पी तिवारी के बीच ट्विटर पर हुई बहस में जिसमें शिल्पी ने विश्वास को मौन हो जाने पर मजबूर कर दिया.
आपको बता दें कि शिल्पी तिवारी वही हैं जिनके एक ट्वीट पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाशिवरात्रि पर कोयम्बटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण के दौरान पहना अपना स्टॉल शिल्पी द्वारा मांगे जाने पर उन्हें उपहार में दे दिया था. इसी बात का ट्वीट शिल्पी ने किया था . इस पर कुमार विश्वास ने ट्वीट करके लिखा, हे देवि,अनपढ़-भक्त-कुल व “येलबुद्धि” से बाहर भी कुछ पढ़ें, स्व० सुमनजी की कविता को पू०अटलजी की बता कर दोनों का उपहास न करें’. इस ट्वीटमें किसी एक कविता की पंक्ति को शिल्पी ने अटल बिहारी वाजपेयी की बताकर शेयर किया था जबकि वह कविता सुमन ने लिखी थी. इस पर शिल्पी ने अपनी ओर से हुई त्रुटि को ठीक करने का ट्वीट भी विश्वास को भेजा.
इसके प्रत्युत्तर में विश्वास ने लिखा, आभार व स्वागत, सही उल्लेख जानने के लिए पीएम मोदी भी संवाद करते रहे हैं, आप भी संकोच ना करें, सुना नहीं गुना हुआ मिलेगा.इसके बाद बात यहां से होते-होते गोवा के चुनाव नतीजों पर भी पहुंची. शिल्पी ने कहा कि वहां पर आम आदमी पार्टी के 38 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. इसके बाद कुमार विश्वास ने तो कोई ट्वीट नहीं किया लेकिन शिल्पी ने विश्वास को घेर लिया.
दरअसल, कुमार विश्वास ने देवी की जगह पर देवि लिखा था, इसको लेकर ही शिल्पी ने विश्वास को घेरा. शिल्पी ने लिखा कि कवि का नाम गलत लिखने पर अनपढ़ कहा जा सकता है, तो फिर देवी ना लिखने आने वाले को क्या कहेंगे?.
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