IPL 2022 ख़त्म होने के बाद भी सुर्ख़ियों में बने हुए हैं संजू सेमसन, ये है वजह

IPL 2022 ख़त्म होने के बाद भी सुर्ख़ियों में बने हुए हैं संजू सेमसन, ये है वजह
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नई दिल्ली: 14 साल बाद वो मौका आया जब राजस्थान रॉयल्स ने IPL टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह बनाई। भले ही वे चैंपियनशिप जीतने में कामयाब नहीं हुए, लेकिन मेन इन पिंक ने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के लाखों दिलों को जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि राजस्थान की टीम ने सैमसन के नेतृत्व में पूरे सीजन लाजवाब प्रदर्शन किया है। जहां एक तरफ सैमसन और इंग्लिश सुपरस्टार जोस बटलर, रॉयल के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज रहे, वहीं चहल, रविचंद्रन अश्विन, प्रसिद्ध कृष्णा और ट्रेंट बोल्ट ने इस आईपीएल सीज़न के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी ट्रूप को लीड किया।

इस सीजन के बाद, सैमसन को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाएगा, जो एक कप्तान के रूप में हमेशा मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ शांत रहा और जिसने अपने कप्तानी कौशल से राजस्थान रॉयल्स को फाइनल में पहुंचने के लिए प्रेरित किया। शायद इसीलिए वह वॉर्न के बाद आरआर को फाइनल तक ले जाने वाले दूसरे कप्तान बन गए हैं। सैमसन को मैदान पर अक्सर एक मोटिवेटर के रूप में देखा गया है, जो उन खिलाडियों को सपोर्ट करते नजर आए, जो अपने बुरे स्पेल से गुजर रहे थे। वह अपने गेंदबाजों को जरूरत से ज्यादा सलाह देते नहीं दिखे और उन्हें अपनी इच्छानुसार मैदान में सेट होने में मदद की, और जरुरी मौकों के लिए अपनी सलाह बचा कर रखी। उन्होंने हमेशा टीम का कॉन्फिडेंस बनाकर रखा और अपने खिलाड़ियों को पूरे आत्मविश्वास के साथ शांति से आगे बढ़ने में सहयोग किया। अपने कैलकुलेशन और स्वाभाविक खेल के साथ चलते हुए, सैमसन ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों क्रमों के साथ कई प्रयोग किए हैं। चाहे वह अश्विन को पिंच हिटर के रूप में लाइन-अप को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने के बारे में सोचना हो या 'रिटायर आउट रणनीति' अपनाना, जिसे टी-20 क्रिकेट में एक बड़ा इनोवेशन कहा जा सकता है, राजस्थान के कप्तान ने कभी भी एक्सपेरिमेंट करने में संकोच नहीं किया।
 
सीजन का मास्टर बल्लेबाज - संजू सैमसन 

संगकारा के शब्दों में देखें तो, "वह टीम और मैदान पर अपनी भूमिका को लेकर बहुत अधिक जागरूक हो गए हैं, वे केवल फील्डिंग के दौरान ही कप्तान हैं, और जब बल्लेबाजी कर रहे होते हैं, तो एक स्वतंत्र और आनंद से खेलने वाले बल्लेबाज बन जाते हैं।"

ये कहना भी गलत नहीं होगा कि एक कप्तान होने के नाते संजू सैमसन ने अपनी दमदार नॉकआउट ट्रिक्स को पेश करने में, निरंतरता बरक़रार रखी है। वह बल्लेबाजी के मामले में पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली रहे हैं, जहां पिछली 30 पारियों में 141.5 के स्ट्राइक रेट से 912 रनों के साथ उनकी निरंतरता, अन्य कई खिलाड़ियों की तुलना में काफी बेहतर रही है। राजस्थान रॉयल्स में अपनी फॉर्म और स्वाभाविक खेल के मामले में जोस बटलर का नाम सबसे ऊपर आता है, जबकि सैमसन को उन शीर्ष 6 खिलाड़ियों में गिना जाता है, जहां उन्हें स्थिति के अनुसार स्कोर करने के लिए रखा गया है। 

वह अटैकिंग क्रिकेट के साथ लगातार बड़े स्कोर करने के आदर्श बैलेंस को बनाये रखने में भी सफल रहे हैं। जो चीज उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह है उनका निडर रवैया और आत्मविश्वास, खासकर जब तेज गेंदबाजों से लेकर विश्व स्तरीय स्पिनरों का सामना काने की बात हो। संजू ने अपनी भूमिका का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया है और 30 के करीब औसत व 147 के स्ट्राइक रेट से 458 रन बनाए हैं। पूरे आईपीएल लीग में, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों से शीर्ष 10 बल्लेबाजों की सूची में भी शीर्ष पर अपना स्थान कायम रखा है, जिसमें 135.72 के स्ट्राइक रेट से 3526 रनों का मेगा बंच शामिल है। सैमसन ने अब तक तीन शतक और 17 अर्द्धशतक लगाकर 279 चौके और 158 छक्के जमाएं हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं, सैमसन ने पिछले कुछ वर्षों में अपने किरदार में काफी परिवर्तन किया है। उन्होंने अपने क्रिटिक्स को बल्ले से जवाब दिया है, और अपने खेल व टीम की पर्फोर्मस को एक नेक्स्ट लेवल पहुंचाने में मदद की है। सैमसन ने एक कप्तान के रूप में अपनी भूमिका के साथ अलग अलग प्रयोग कर के, भारत में अब तक देखे गए सर्वश्रेष्ठ युवा कप्तानों में से एक के रूप में खुद को साबित किया है।

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