बंगलूरूः बतौर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जाते-जाते मिहीन मजदूरों से किए अपने वादों को निभा गए। कुमारस्वामी ने राज्य के उन मजदूरों का कर्ज माफ कर दिया जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जोत वाली भूमि या जिनकी आय एक लाख रुपये से कम है। हालांकि कितना कर्ज माफ करना है इसे लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है। उन्होंने बुधवार को कहा कि उन्होंने मंगलवार को अपने आखिरी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके कुछ ही घंटों बाद विश्वास मत पर चार दिनों तक चली बहस के बाद जब वोटिंग हुई तो उनकी सरकार छह वोटों से गिर गई।
कुमारस्वामी से राज्यपाल ने नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य करने और उन्हें भूमिहीन-मजदूरों की कर्जमाफी जैसे कोई भी बड़े नीतिगत फैसले लेने से रोक दिया गया है। सत्ता चले जाने के एक दिन बाद बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने संतोष व्यक्त किया कि वह अपने कार्यकाल के दौरान कुछ अहम निर्णय ले पाए।
जिसमें भूमिहीन मजदूरों के लिए ऋण माफी, जिसे निजी धन उधारदाताओं से भी लिया गया हो शामिल है। कुमारस्वामी ने कहा कि इससे मजदूरों को राहत मिलेगी। यह आदेश के जारी होने की तारीख से एक साल तक प्रभावी रहेगा। कुमारस्वामी ने कहा, 'मुझे संतोष है कि मैं इसे लेकर आया। यह उन लोगों पर लागू होगा जिन्होंने इस अधिनियम के आने से पहले ऋण लिया था। यह लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने का मौका है। यह अधिनियम एक वर्ष तक रहेगा है और उस समय के अंदर ऋण का विवरण प्रस्तुत करना होगा।'
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