आरएसएस के सीनियर पदाधिकारियों का मानना है की अब कुंभ में पहुंच रही भीड़ को शीघ्र से शीघ्र कम किया जाए और उसे सीमित कर के आयोजन समाप्त करने का निर्णय तत्काल लिया जाये। उनका मानना था कि क्योंकि कोरोना जिस ढंग से फैल रहा है ये आवश्यक है की हरिद्वार में भीड़ को कण्ट्रोल किया जाए। किन्तु उनका ये भी कहना था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ की मरकज़ से तुलना करना गलत है।
वही संघ का ये कहना है कि कुछ अखाड़ों ने कुंभ में अपनी सहभागिता को भी समाप्त कर दिया है तथा उन्हें उम्मीद है की शेष सब अखाड़े भी यही निर्णय लेंगे। किन्तु वरिष्ठ पदाधिकारी का ये भी कहना था कि उत्तराखंड की सरकार तथा वहां के साधु संतों को तत्काल बैठक कर निर्णय को औपचारिक करना चाहिए।
संघ का कहना है की कुंभ के बहाने जो हिन्दू नेतृत्व तथा वहां साधुओं पर लांछन लगाया जा रहा है वो ठीक नहीं है। संघ का कुंभ के मुद्दे पर आना अहम है तथा खुल कर ये कहना की जैसा कुंभ चल रहा है वैसे आगे नहीं चल सकता अहम हो जाता है। संघ की ओर से संकेत स्पष्ट है की कुंभ में जिस प्रकार से भीड़ उमड़ रही है वो ठीक नहीं है तथा अब कुंभ में लोगों की सहभागिता पर तत्काल नियंत्रण लगा कर इसको जल्दी समाप्त कर देना चाहिए। बीते 1 सप्ताह में कुंभ में कई साधू संत बीमार हो गए है तथा आचार्य कपिल देव का बृहस्पतिवार का भी निधन हो गया।
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