हिन्दू शास्त्र के अनुसार आज अमावस्या है जिसे कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, इसे आप कुशोत्पाटनी अमावस्या भी कह सकते हैं. इस दिन कुछ खास कार्य करने के लिए आपके जीवन में खुशहाली आती है और घर में सुख शांति बनी रहती है. वहीं अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं तो कहीं इसी दिन घर की तुलसी में सुबह-शाम घर दीया लगाने से कलह और दरिद्रता मिटती है.
जानिए क्या है कुशग्रहणी अमावस्या का महत्व
अमावस्या पर घर की सफाई करने से सुख शांति आती है और घर में पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. घर की सफाई करने से रुके हुए काम बनते हैं पर बढ़ाएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं घर में धन सम्पदा भी बनी रहती है. अगर घर में शुभता और ख़ुशी का माहौल चाहते हैं तो नियम पूर्वक अमावस्या को गौमाता को 5 फल भी नियमपूर्वक खिलाना चाहिए. अमावस्या की तिथि को कोई भी नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा समस्त शुभ कर्मों को निषेध कहा गया है इसलिए इस दिन इन कार्यों को नहीं करना चाहिए.
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अमावस्य के दिन किसी ब्राह्मण या निर्धन को भोजन कराने से पुण्य मिलता है और भोजन में दूध से बनी वस्तु बनाएं जिसे भगवान पर पितरों का भोग लगाएं. इससे पितृ खुश होते हैं और कामों मेंअड़चनें नहीं आती. इस अमावस्या के बारे में बता दें, कुशग्रहणी अमावस्या उखाड़ा गया कुश 1 वर्ष तक प्रयोग किया जा सकता है. हिन्दू शास्त्र में कुश को बहुत ही शुद्ध और पवित्र माना गया है. शास्त्रों में इसके कुछ नियम भी होते हैं जिनके अनुसार कुश उखाड़ा जा सकता है.
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