दुनिया में कई ऐसे मंदिर हैं जिनका रहस्य आज भी बना हुआ है. एक और ऐसे ही मंदिर की बात करने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको पता नहीं होगा. जी हाँ, उन्नाव पर नवाब गंज में मॉ कुसुम्भी देवी मन्दिर का अद्भुत मंदिर स्थित है. रामायण युग में लव कुश के हाथों स्थापित यह एक पौराणिक मन्दिर है. ये एक ऐसा रमणीक स्थान है जहां भक्त माँ आदि शक्ति जगदम्बा की सिद्ध पीठ कर दर्शन कर मनचाही मुरादे पूरी कर पाते है.
आपको बता दें, बड़ों के साथ बच्चों को भी माता कुसुम्भी देवी की यात्रा बहुत भाती है क्योकिं आस पास के जंगल जहॉ एडवेन्चर देती है वहीं पवित्र सरोवर में रहने वाली मछलियां और कछुएं कौतूहल उत्पन्न करते है. लोग अपनी मुरादे पूरी करने के लिये जलजीवों को आटे की गोलियां खिलाते है. इसके अलावा मंदिर से जुड़े पुराने लोग बताते हैं कि श्रीराम के सीता के परित्याग करने पर उनके आदेश पर सीता को रथ पर बैठाकर लक्ष्मण वन में छोड़ने के लिए रवाना हुए. मार्ग में माता सीता को प्यास लगी तो उन्होंने लक्ष्मण से पानी लाने के लिए कहा. लक्ष्मण ने एक कुएं से पात्र में जल लेने का प्रयास किया तो कुएं से आवाज आई कि पहले मुझे बाहर निकालो, फिर यहां से जल भरो.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, देवी कुशहरी की मूर्ति करीब 7 फुट ऊपर स्थापित है. कोई भी इसे अपने हाथों से नहीं छू सकता है. वहां पर बैठने वाले पंडित देवी पर प्रसाद चढ़ाते हैं. यूं तो देवी के मंदिर में सुहाग का पूरा साजो श्रृंगार का सामान चढ़ाया जाता है, लेकिन इनमें सबसे खास देवी को चढ़ाई जाने वाली काले रंग की चूड़ियां होती हैं.
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