इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में श्रम विभाग के द्वारा बाल श्रमिको को मुक्त कराया गया। इंदौर के रेल्वे स्टेशन एवं सरवटे बस स्टेंड के क्षेत्र में श्रम विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 5 संस्थानों से 7 किशोर एवं एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया है। यह कार्रवाई बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत की गई है।
कार्रवाई के दौरान क्षेत्र के व्यापारियों को बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रावधानों की जानकारी दी गई। बताया गया कि अधिनियम के अंतर्गत 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों का सभी प्रकार के नियोजनों में नियोजन प्रतिबंधित है। साथ ही बताया गया कि 14 से 18 वर्ष के कुमारों का खतरनाक नियोजनों में काम करना प्रतिबंधित है।
उक्त धाराओं के उल्लंघन पाये जाने पर 20 हजार रूपये से लेकर 50 हजार रूपये तक का अर्थदण्ड, 6 माह से दो साल तक के कारावास अथवा दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। सहायक श्रम आयुक्त श्रीमती मेघना भट्ट ने बताया कि जून माह को Celebration of Elimination of Child Labour Campaign के रूप में मनाया जा रहा है।
'धर्मांतरण के लिए बॉलीवुड जिम्मेदार है...', आखिर क्यों ऐसा बोले IAS नियाज खान?
दमोह स्कूल में निकला मस्जिद तक का गुप्त रास्ता, हुए कई चौंकाने वाले खुलासे