श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी पेंशन योजना के जरिये पेंशन कोष से एक मुश्त आंशिक निकासी यानी ‘कम्युटेशन’ की सुविधा एक जनवरी से दे सकता है। इस कदम से 6.3 लाख पेंशनभोगियों को फायदा हो सकता है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। इन 6.3 लाख पेंशनभोगियों ने अपनी पेंशन निकासी का विकल्प चुना था और 2009 से पहले रिटायर के समय उन्हें पेंशन मद में जमा राशि में से कुछ हिस्सा एक मुश्त निकालने की अनुमति मिल गयी थी। ईपीएफओ ने 2009 में पेंशन मद में से निकासी के प्रावधान को वापस ले लिया था।
सूत्र ने कहा, 'श्रम मंत्रालय कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन ‘कम्युटेशन’ सुविधा लागू करने के ईपीएफओ के निर्णय के क्रियान्वयन को लेकर एक जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी करेगा।' इस सुविधा के तहत पेंशनधारक को अग्रिम में पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त दे दिया जाता है। उसके बाद अगले 15 वर्ष के लिए उसकी मासिक पेंशन में एक तिहाई की कटौती की जाती है। 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी पेंशन लेने के लिये पात्र होते हैं।
ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 21 अगस्त 2019 को हुई बैठक में इस सुविधा का लाभ लेने वाले 6.3 लाख पेंशनभोगियों को ‘कम्युटेशन’ प्रावधान बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री हैं। ईपीएफओ की एक समिति ने आंशिक निकासी के 15 साल बाद पेंशन राशि बहाल करने को लेकर ईपीएफसी-95 में संशोधन की सिफारिश की थी।पेंशन ‘कम्युटेशन’ को बहाल करने की मांग थी। इससे पहले, ईपीएस-95 सदस्यों को 10 साल के लिये पेंशन मद में से एक तिहाई राशि निकालने की अनुमति थी। इसे 15 वर्ष बाद बहाल किया गया है। यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों के लिये पहले से चली आ रही है।
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