लेह: भारत-चीन बॉर्डर विवाद के बीच लद्दाख के जंसकार के काउंसलर ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के मध्य कांग्रेस ने लेह-मनाली मार्ग का निर्माण नहीं होने दिया. वाजपेयी सरकार ने परियोजना को स्वीकृति दी थी. ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार जंसकार ने कहा कि, 'UPA शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सड़क के निर्माण में देरी की गई. वर्ष 2004 से 2014 तक किसी भी महत्वपूर्ण सड़क पर कोई काम नहीं हुआ.'
उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस ने लेह-मनाली रोड के निर्माण में लापरवाही दिखाई. वर्ष 2007 में लेह-मनाली सड़क बनकर तैयार हो जानी थी. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लेह-मनाली रोड प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी.' उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के मुकाबले मोदी सरकार में भारत बॉर्डर पर अधिक मजबूत हुआ है. साल 2008 से 2014 तक यूपीए सरकार में बॉर्डर के नजदीक 1 सुरंग का निर्माण हुआ, 7,270 मीटर लंबे पुल बनाए गए और 3,610 किमी सड़कें तैयार हुईं, जबकि मोदी सरकार में साल 2014 से 2020 तक 6 सुरंगें बन चुकी हैं और लगभग 19 सुरंगों के निर्माण की योजना है. इसके साथ ही मोदी सरकार में पिछले 6 साल में 14,450 मीटर लंबे पुल बनाए गए और 4,764 किलोमीटर सड़कें तैयार हो चुकी हैं.
आपको बता दें कि UPA शासन में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए बजट में भी कम रुपये दिए. वर्ष 2016 के बाद मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को तेज किया और बजट को भी बढ़ाया. साल 2008 से 2016 के बीच इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 3,300 से 4,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. जबकि साल 2016 के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 2017-2018 के बजट में 5,450 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
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