देहरादून: राज्य के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर डिविजन के पाखरो टूरिज्म जोन को डेवलप करने की चर्चा चल रही है. रामगंगा नदी की तर्ज पर पाखरो में एक झील तैयार की जाएगी, जिसमें टूरिस्ट आगामी वक़्त में बोटिंग का लुत्फ भी उठा सकेंगे. सीटीआर के अधिकारी इस स्कीम पर कार्य में जुट गए हैं. 21 जुलाई को कॉर्बेट फांउडेशन की बैठक कोटद्वार में हुई. बैठक में फारेस्ट मिनिस्टर हरक सिंह रावत की तरफ से पाखरो टूरिज्म जोन को डेवलप करने पर जोर दिया गया है.
साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जिस प्रकार कालागढ़ से ढिकाला तक रामगंगा नदी को झील का रूप दिया, उसी तर्ज पर पाखरो में भी झील बनाने की प्लानिंग है. पाखरो में छोटी-बड़ी नदियों के जल को इकट्ठा कर झील तैयार की जा रही है. इस झील में आगामी वक़्त में टूरिस्ट बोटिंग भी करेंगे. पाखरो को अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेसेस बनाने की बातचीत चल रही है, जिससे कॉर्बेट में पाखरो जोन भी टूरिस्ट्स को आकर्षित कर सके.
वही पाखरो टूरिस्म जोन में सोना नदी स्रोत, जसोद, पाखरो, धौलखंड, चपड़ा, सुआ नदी-नालों के जल को इकट्ठा किया जा रहा है. पाखरो को टूरिस्ट स्थल बनाने के पीछे स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मंशा भी है. साथ-साथ 21 जुलाई को कोटद्वार में हुई कॉर्बेट फाउंडेशन की बैठक में फारेस्ट मिनिस्टर की तरफ से पाखरो टूरिस्म जोन को डेवलप करने के लिए कहा गया है. पाखरो टूरिस्म जोन में झील बनाने की प्लानिंग है, जिसमें टूरिस्ट बोटिंग कर सकेंगे. इस जोन के डेवलप होने से वहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार भी प्राप्त कराया जाएगा.
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