नई दिल्ली। आज देश के मशहूर स्वतंत्रता सैनानी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्मतिथि है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तरप्रदेश के मंगौली जिले के मुगलसराय में हुआ था और उनकी मृत्यु उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकन्द में 11 जनवरी 1966 में हुई थी। आज उनकी जन्मतिथि के इस अवसर पर आइये हम आपको उनके प्रेरक विचारों से रूबरू करवाते है।
वैसे तो लाल बहादुर शास्त्री जी ने कई प्रेरक वचन और नारे दिए थे लेकिन उनके सबसे ज्यादा प्रेरक विचार और सबसे मशहूर नारे इस प्रकार है।
- "जय जवान, जय किसान" यह शास्त्री जी का सबसे लोकप्रिय नारा है और इस नारे ने पुरे देश में लोगों को प्रेरणा दी थी और आज भी दे रहा है।
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- लाल बहादुर शास्त्री जी ने कहा था कि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग पचास वर्ष तक कार्य करना पड़ा था इसलिए उनका ध्यान स्वतः ही ग्रामीन लोगों और क्षेत्रों के हालात पर चला जाता है। उन्होंने कहा था कि वे हमेशा यही सोचते है कि यहाँ किस प्रकार से राहत पहुंचाई जाए।
-जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से इस चुनौती का मुकाबला करना ही हमारा एकमात्र कर्त्तव्य होना चाहिए
- यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तो जल्द ही देश की जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
-देश की तर्रकी के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाये गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
-उन्होंने भारत और पाक के रिश्तों पर बात करते हुए कहा था कि दोनों देशों की जनता को लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद की नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की जरुरत है।
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