नई दिल्ली : देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी यादें, बातें, और कविताएं, किस्से हमेशा हिंदुस्तान की आबो हवा में जिन्दा रहेंगे. कुछ एक ऐसा ही किस्सा अब आपको हम बताने जा रहे है.
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बीजेपी पार्टी में अगर कोई अटल जी का सबसे करीबी था तो वह थे उनके दोस्त लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी अपने दोस्त के जाने पर काफी दुखी हैं. बता दें कि 65 सालों तक लालकृष्ण आडवाणी और अटल जी ने साथ काम किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जीवन से जुड़े बहुत सारे ऐसे किस्से हैं, जिन्हे केवल और केवल आडवाणी ही जानते है. पूर्व पीएम को साल 2015 में भारत के सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से पुरुस्कृत किया गया था. उस समय आडवाणी ने अटल जी से जुड़े कई खुलासें किए थे.
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आडवाणी ने कहा था कि ‘बहुत कम लोग यह जानते हैं कि उनकी अद्भुत वक्तृत्व कला को जब मैंने पहली बार सुना था तो मैं यह सोच रहा था कि कहीं मैं गलत पार्टी के अंदर तो नहीं आ गया. अब इस पार्टी में मुझे इतना महत्व देते हैं. मैं कभी भी इस पार्टी में कोई उत्तरदायित्व संभालने के लिए मैं अपने को योग्य नहीं मानता. आगे आडवाणी ने कहा, जिस प्रकार की नेतृत्व क्षमता उनमे है, जैसी मैंने अटल जी में देखी है, वो मुझमे तो आ ही नहीं सकती. इसलिए मेरे अंदर अटल जी ने कॉम्प्लेक्स पैदा कर दिया था. पहली-पहली उस लंबी यात्रा में’ इसके साथ ही आडवाणी ने यह भी कहा था कि वह कॉम्प्लेक्स उनके अंदर आज भी है.
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