आज बिहार के पूर्व सीएम और RJD के नेता लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है। 11 जून, 1948 को जन्म लेने वाले लालू प्रसाद यादव 73 वर्ष के हो चुके है। चारा घोटाला में सजा काट रहे लालू को हाल ही में जमानत पर जेल से रिहाई दी गई है। उनका बिहार की राजनीति में कई दशकों से अच्छा खासा बोलबाला रहा है। हालांकि उन्होंने केंद्र की भी राजनीति की है और वो केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
लालू प्रसाद 1990 से 1997 तक बिहार के सीएम रहे। बाद में वो 2004 से 2009 तक केंद्र की UPA गवर्नमेंट में रेल मंत्री रहे। 2009 में वो बिहार के सारण से सांसद चुने गए। लेकिन 2013 में बहुचर्चित चारा घोटाला के केस में रांची स्थित CBI की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 5 साल कारावास का दंड सुना दिया गया। जिसकी वजह से उन्हें लोकसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा। चुनाव आयोग के उस वक़्त के नए नियमों के मुताबिक लालू यादव 11 वर्ष (5 साल जेल और रिहाई के बाद के 6 साल) तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएगे।
सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला में दोषी सांसदों को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से बचाने वाले प्रावधान को भी पूरी तरह से खंडित कर दिया है। संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव इंडियन हिस्ट्री में लोक सभा के पहले सांसद बने थे।
पत्नी को सौंपी सत्ता: लालू ने पटना महाविद्यालय में एक छात्र नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था। वह 1977 में 29 वर्ष की आयु में जनता पार्टी के लिए लोकसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में चयनित हुए। 1990 में वे 42 वर्ष की आयु बिहार के मुख्यमंत्री बने। वो 1995 में भी भारी बहुमत से विजयी हुए। 1997 में लालू यादव ने जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल के नाम से नई पार्टी को बना लिया। इसी साल CBI ने उनके विरुद्ध चारा घोटाला केस में इलज़ाम-पत्र दाखिल किया तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा। उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपी और खुद आरजेडी के अध्यक्ष बन गए और अपरोक्ष रूप से सत्ता की कमान अपने हाथ में रखी।
सत्ता से बाहर हुई RJD : नवंबर 2005 के राज्य चुनावों में RJD चुनाव हार गई और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला JDU और BJP का गठबंधन सत्ता में आ गया। 2010 के चुनावों में RJD की और बुरी हार हुई। 2015 के चुनावों में RJD सबसे बड़ा दल बनकर उभर चुका है। RJD, JDU और कांग्रेस ने मिलकर गवर्नमंट बनाई। पार्टी की 10 वर्ष के उपरांत सत्ता में वापसी हुई थी, लेकिन 2 साल के उपरांत नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ दिया और BJP के साथ मिलकर गवर्नमेंट बना ली। पिछले साल हुए राज्य के चुनाव में नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गई और आरजेडी राज्य में मुख्य विपक्षी दल है।
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