पटना: बिहार में मुस्लिम नेताओं में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रति नाराज़गी देखी जा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी RJD ने अब तक 22 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जिसमें से केवल 2 मुस्लिम हैं। वहीं, यादव समुदाय के 8 नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है। ये देखकर पूर्व सांसद सरफ़राज़ आलम और अशफाक करीम ने तो खुल कर नाराज़गी जाहिर की है। RJD समर्थक अक्सर MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण की बात करते रहे हैं, जो हर चुनावों में लालू की पार्टी को वोट देते आए हैं। हालाँकि, अब मुस्लिम समुदाय में RJD के प्रति गुस्सा दिख रहा है।
अररिया: टिकट कटने पर रोते बिलखते भावुक हुए पूर्व राजद सांसद सरफ़राज़ आलम, pic.twitter.com/VooSj7SMu1
— Javed Khan (@JavedKh71153599) April 13, 2024
बिहार के अररिया में पूर्व लोकसभा सांसद सरफ़राज़ आलम इस बारे में बात करते हुए मंच पर ही रो पड़े। वहाँ मौजूद समर्थकों ने कैसे तो भी उन्हें सँभाला। सरफ़राज़ आलम पर अररिया समेत कई जिलों में कई केस दर्ज हैं, सरफ़राज़ आलम पर राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपत्ति से बदतमीजी का भी इल्जाम है। अब उन्होंने लालू प्रसाद पर टिकट बेचने का इल्जाम लगाया है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमे उन्हें लगातार रोते हुए देखा जा सकता है और लोग उन्हें चुप करा रहे हैं। अररिया से लालू ने सरफ़राज़ के छोटे भाई शाहनवाज़ आलम को उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों के पिता तस्लीमुद्दीन 8 बार MLA रहे हैं। सीमांचल में उनका अच्छा रसूख था। वो पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से 5 दफा सांसद भी रहे थे।
वहीं जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र से सरफ़राज़ 4 बार और शाहनवाज दूसरी मर्तबा MLA बने हैं। उन्होंने AIMIM के टिकट पर अपने बड़े भाई को ही मात दी थी, फिर RJD में शामिल हो गए थे। अब फिर से दोनों भाइयों में जंग देखने को मिल रही है। उधर पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने लालू यादव की पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने लालू यादव पर मुसलमानों का हक़ मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि RJD ने जनसंख्या के हिसाब से मुस्लिमों को बराबर हिस्सेदारी नहीं दी, ऐसे में पार्टी के साथ काम नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने इस्तीफे में लालू यादव को लिखा है कि आपने ‘जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की बात की, मगर मुसलमानों का हक़ मारा गया।
पूर्व राज्य सभा सांसद और RJD नेता अहमद अश्फ़ाक करीम ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा
— Simab Akhtar سیماب اختر (@simabakhtar2) April 12, 2024
कटिहार से टिकट ना मिलने से थे नाराज़
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उन्होंने RJD की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। अशफाक करीम कटिहार स्थित अल-करीम यूनिवर्सिटी के कुलपति भी हैं। उन्होंने कटिहार मेडिकल कॉलेज भी शुरू किया था, जिसके वो मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। अशफाक करीम ‘कोसी बेदारी मोर्चा’ भी चलाते हैं। वो मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर रिश्वत लेने और आर्म्स एक्ट के मामले में जेल भी जा चुके हैं। 2018 में उन्हें RJD ने राज्यसभा भेजा था। अशफाक करीम के जाने से कोसी क्षेत्र में RJD को नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है। वहीं, अगर मुस्लिम नेताओं की नाराज़गी मुस्लिम मतदाताओं तक भी पहुँचती है, तो लालू के लिए बिहार में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अगर RJD से मुस्लिम वोट छिटका, तो इससे कांग्रेस को फायदा होगा, उसका वोट फीसद बढ़ जाएगा।
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