'इनकी औकात क्या है, हम इनका कान पकड़कर..', RSS-BJP पर क्यों भड़के लालू यादव ?

'इनकी औकात क्या है, हम इनका कान पकड़कर..', RSS-BJP पर क्यों भड़के लालू यादव ?
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पटना: जातिगत जनगणना को लेकर देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि RSS और भाजपा को मजबूर करके उनसे जातिगत जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने इस दौरान तीखी भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, "इनकी क्या औकात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे?"

लालू यादव ने अपने आधिकारिक बयान में यह भी कहा कि इनके कान पकड़कर, इनसे दंड बैठक कराके इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे। लालू ने कहा कि केंद्र सरकार को इतना दबाव में लाया जाएगा कि उन्हें जातिगत जनगणना करानी ही पड़ेगी। उन्होंने दलित, पिछड़े, आदिवासी और गरीब वर्गों के एकजुट होने का आह्वान किया। इससे पहले उनके बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए कहा था कि बीजेपी इसे रोकने की कोशिश कर रही है और बार-बार इसे कोर्ट में घसीट रही है। तेजस्वी का कहना था कि केंद्र सरकार को आरक्षण से कोई मतलब नहीं है, बल्कि उनका असल एजेंडा संविधान को बदलना है।

इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने भी जातीय जनगणना पर अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं। संघ ने समाज की एकता और अखंडता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा हैं और इसे चुनावी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जातिगत जनगणना पर अपनी राय व्यक्त की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना को रोकने की सोच रहे हैं, तो यह संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 90% भारतीय जल्द ही जाति जनगणना का समर्थन करेंगे।

हालांकि, लालू यादव जैसे वरिष्ठ नेता की तीखी और आक्रामक भाषा पर सवाल उठना लाजमी है। जिस तरह उन्होंने 'औकात' और 'कान पकड़ने' जैसी बातें की हैं, वह सार्वजनिक और राजनीतिक भाषण के स्तर पर एक चिंताजनक पहलू है। एक नेता के रूप में, इस तरह की भाषा से परहेज किया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में नकारात्मकता और विभाजन को बढ़ावा दे सकती है। नेताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी बातों को शालीनता और संयम से रखें, खासकर जब वह इतने संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा कर रहे हों।

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