वाशिंगटन : जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता उस व्यापक सोच को आकार देकर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन ने दुनिया का सबसे बड़ा विमान बनाकर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है. उनका मूल उद्देश्य धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर सैटलाइट ले जाकर स्पेस में लॉन्च करना है. तीन साल से इस अत्याधुनिक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे एलन ने कल गुरुवार को पहली बार 'एयर लांच' नामक इस विमान को दुनिया के सामने पेश किया. 2011 में इसकी अनुमानित लागत 300 मिलियन डॉलर बताई गई थी.
आपको जानकारी दे दें कि यह 'एयर लॉन्च' दो हिस्सों में बंटा है. इस विमान का बीच वाला हिस्सा स्पेस मिशन के लिए रॉकेट लॉच करने के लिए उपयोग किया जा सकेगा. कंपनी की तैयारी इस विमान से एक स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च करने की है. इसके लिए कंपनी से डील भी हुई है. कार्य प्रणाली के अनुसार सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए एक तय ऊंचाई तक एक रॉकेट के माध्यम से ले जाया जाएगा. इसके बाद इसको चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जाएगा. ये तरीका काफी सस्ता, सटीक और तेज गति वाला साबित होगा. बता दें कि अभी पारंपरिक तौर पर सैटेलाइट लॉन्चिंगपैड से लॉन्च किए जाते हैं, जिसमें ज्यादा मात्रा में ईंधन लगता है. यदि एलन की कंपनी अपने मिशन में सफल हुई तो यह बहुत बड़ा बदलाव साबित होगा.
इस विशेष बड़े विमान की विशेषताओं से आपको अवगत कराना जरुरी है. इस विमान में बोईंग 747 के छह 6 इंजन हैं. इसके अलावा दो कॉकपिट हैं. इस विमान में 28 पहिएं हैं. इस विमान की ऊंचाई पचास फीट है. इसके पंखों की लंबाई 385 फीट है. इसके पंख किसी फुटबॉल के मैदान से भी बड़े हैं. इसका वजन सवा दो लाख किलो है. यह विमान 1.3 मिलियन पाउंड तक वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है. इस विमान की अधिकतम ईंधन क्षमता 1.3 मिलियन पाउंड है. यह विमान होवर्ड ह्यूजेस के H-4 हर्क्युलिस और सोवियन दौर के कार्गो प्लेन एन्टोनोव एन-225 से भी बड़ा है.
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