श्रीनगर: पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। एक संदेश में, TRF ने "पर्यटकों और गैर-स्थानीय लोगों" पर इस तरह के और हमलों की चेतावनी दी है और रियासी हमले को केवल "एक नई शुरुआत" कहा। ध्यान रहे कि, ये आतंकी, पर्यटकों या गैर-स्थानीय लोगों से उनकी 'जाति' नहीं पूछेंगे। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह हमला रियासी में मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जानबूझकर किया गया था और हमलावर लगभग 12 जिहादी हैं जो जम्मू क्षेत्र में तीन या दो के समूहों में राजौरी-पुंछ के जंगलों में घूम रहे हैं।
वहीं, इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गृह मंत्रालय ने हमले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा है। यह हमला उस वक़्त हुआ, जब बस शिव खोरी मंदिर से कटरा, माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर के लिए लौट रही थी। पास के जंगल में छिपे आतंकवादियों ने वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया और गोलीबारी शुरू कर दी। बस ड्राइवर को गोली लगी और वह संतुलन खो बैठा, जिससे वाहन खाई में गिर गया।
Listen to one of the Eyewitness of Reasi Terror Attack.
— Sunanda Roy ???? (@SaffronSunanda) June 9, 2024
After darshan of Maa Vaishno Devi, these pilgrims were going to Shiv Khori.
Suddenly terrorists started firing bullets on the bus.
This is clear case of Hinduphobia.
Terrorists and Terrorism both have a Religion. That's… pic.twitter.com/jqUz12sJR7
भारत सरकार ने 2023 में द रेजिस्टेंस फ्रंट को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था, इसमें अधिकतर कश्मीर के ही स्थानीय जिहादी शामिल हैं। इसकी स्थापना 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हुई थी, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था और यह दर्जनों आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है। यह अनुच्छेद पाकिस्तानियों के लिए कश्मीर के दरवाजे खोलता था, ये अनुच्छेद पाकिस्तानियों को कश्मीरी नागरिक बनने और फिर यहाँ आतंकवाद फैलाने में मदद करता था। हालाँकि, भारत में कुछ राजनेताओं ने 370 वापस लागू करने की बात कही थी, लेकिन केंद्र में उनकी सरकार नहीं बन पाई, इसलिए वे फैसले को पलट नहीं सके।
“Terror!st fired bu|lets continuously for an hour on hindus.” ????
— Mudit Jain - Modiji's Family (@Mudiiittt) June 10, 2024
- Eyewitness from #Reasi#AllEyesOnReasi pic.twitter.com/u4PFRYfvAR
अधिकारियों ने बताया है कि कुछ पीड़ितों की पहचान कर ली गई है। ज़्यादातर पीड़ित उत्तर प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले थे। हालाँकि, मरने वालों और घायलों में कितने किस जाति के थे, इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन मंदिर से लौट रहे थे, तो माना जा रहा है कि, हिन्दू या सिख समुदाय के होंगे, क्योंकि यात्री आगे कटरा से वैष्णोदेवी भी जाने वाले थे। अधिकारियों ने बताया कि घायलों में 34 उत्तर प्रदेश, पांच दिल्ली और दो राजस्थान के हैं। हमले में जीवित बचे लोगों ने बताया है कि हमले के परिणामस्वरूप वाहन खाई में गिर जाने के बावजूद आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी जारी रखी। एक जीवित बचे व्यक्ति ने कहा कि आतंकवादी खाई में उतरे और कई मिनट तक गोलीबारी करते रहे, जबकि यात्री चुपचाप पड़े रहे और ऐसा दिखावा किया कि वे सभी मर चुके हैं, ताकि आतंकी उन्हें मरा समझकर चले जाएं। चश्मदीदों ने बताया है कि, इसके कुछ देर बाद सुरक्षाबल वहां पहुंचे और उन्हें खाई से बाहर निकालकर अस्पताल पहुँचाया।
यूपी के बलरामपुर के रहने वाले संतोष कुमार वर्मा भी इस हमले के चश्मदीद थे, उन्होंने बताया कि वो लोग शिवखोड़ी में दर्शन के बाद वो कटरा की ओर जा रहे थे, जब बस ऊपर से नीचे उतर रही थी, इसी बीच एक आतंकवादी बीच सड़क पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जिसमे ड्राइवर को एक गोली लग गई और बस बेकाबू होकर खाई में गिर गई। इस दौरान सामने खड़े होकर एक आतंकी ने लगभग 20 मिनट तक फायरिंग की थी। बाकी आतंकी इधर-उधर से गोली चला रहे थे।
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