कानपुर: 16 नवंबर का दिन क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं भूलने वाले दिन के रूप में दर्ज हो गया है। यह वो दिन था जब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर अंतिम बार क्रिकेट मैदान में उतरे। यह मुकाबला भारत और वेस्टइंडीज के बीच मुंबई में खेला गया था। अपने हीरो का अंतिम मैच देखने पूरा स्टेडियम खचा-खच भरा था। सचिन तेंदुलकर के विदाई मैच में एमएस धोनी के हाथ में टीम की कमान थी। मुंबई के वानखेड़े में गए टेस्ट मैच में भारत ने टाॅस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला लिया और पूरी विंडीज टीम पहले मैच में 182 रन पर सिमट गई। इसके बाद भारत ने पहली पारी में 495 रन का स्कोर खड़ा किया।
अंतिम टेस्ट खेलने मैदान में उतरे सचिन तेंदुलकर शतक तो नहीं लगा पाए, लेकिन उन्होंने 74 रन की शानदार पारी खेली थी। उस मैच में रोहित और पुजारा ने शतक लगाए थे, जबकि सचिन को देवनारायण ने पवेलियन भेज दिया था। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी 187 रन पर सिमट गई। इसी के साथ भारत ने यह मैच पारी और 126 रन से जीत लिया था। भारत की इस जीत के हीरो प्रज्ञान ओझा रहे थे, जिन्होंने दोनों पारियों में 5-5 विकेट लिए थे।
सचिन ने जहां 16 नवंबर को क्रिकेट को अलविदा कहा था, वहीं 15 नवंबर का दिन उनके टेस्ट डेब्यू के लिए याद किया जाता है। तेंदुलकर ने पाकिस्तान के विरुद्ध कराची में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने पहले मैच में 24 गेंदों पर 15 रन बनाकर केवल एक पारी खेली, जिसमें 2 चौके लगाए थे। उन्हें वकार यूनिस ने बोल्ड किया, जिन्होंने दिलचस्प रूप से उसी मैच में अपना टेस्ट पदार्पण किया था।
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