बॉलीवुड की जानी मानी मशहूर और विश्व भर में अपनी बेहतरीन आवाज का जादू बिखेरने वाली भारत रत्न लता मंगेशकर आज अपना जन्मदिन मना रही है। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर लोकप्रिय संगीतकार थे। लता के सदाबहार गाने आज भी उतने ही सुने जाते हैं, जितने पहले सुने जाते थे, लेकिन उन्हें रिकॉर्ड करने तथा गाने में किस प्रकार का अभ्यास तथा श्रम करना पड़ता था, क्या आपने कभी उसे जानने का प्रयास किया है।
इतनी बड़ी सिंगर लता मंगेशकर यूं ही नहीं बनी हैं। वे अपनी गायकी को निखारने के लिए दिन-दिन भर गाने का अभ्यास करती थीं। लता ने जब गाना आरम्भ किया था, तब आज की भांति उन्नत तकनीक उपलब्ध नहीं थी। गाने में जो भी इफेक्ट उत्पन्न करने होते थे, वह गायक तथा रिकॉर्डिंग के ढंग पर निर्भर करता था। लता का लोकप्रिय गाना ‘आएगा आने वाला’ सुनकर ऐसा लगता है कि इसमें किसी तकनीक के सहारे साउंड में उतार-चढ़ाव उत्पन्न किया गया है, लेकिन जब यह गाना रिकॉर्ड हुआ था, तब साउंड रिकॉर्डिंग तथा मिक्सिंग की तकनीक विकसित नहीं हुई थी।
वही तब गानों में इफेक्ट उत्पन्न करने के लिए अलग प्रकार से रिकॉर्डिंग की जाती थी। यदि आपने यह गाना सुना होगा, तो आरम्भ में दूर से आवाज आती हुई लगती है, फिर कुछ पंक्तियों के पश्चात् आवाज पास से आती हुई लगती है। उस दौर में इस प्रकार के इफेक्ट उत्पन्न करने के लिए सिंगर को बहुत स्वर साधना करनी पड़ती थी तथा लता ऐसा करने में माहिर थीं। वे बेहद ही मेहनत करती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने इस गाने की रिकॉर्डिंग के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि इस गाने की रिकॉर्डिंग के चलते माइक्रोफोन कमरे के बीच में रखा गया था। उन्हें कमरे के एक कोने से गाते हुए माइक तक पहुंचना था। गाने एवं माइक तक पहुंचने की टाइमिंग इतनी सटीक होनी चाहिए थी कि जब वे माइक के समीप पहुंचे तो गाने का ‘आएगा आने वाला’ मुखड़ा आरम्भ हो जाए। कई बार ऐसा करने के पश्चात् उचित रिकॉर्डिंग हो पाई थी। खेमचंद प्रकाश ने इन सांग को म्यूजिक दिया था।
अभिनय से लेकर निर्देशन तक में कमाल कर चुके हैं महेश कोठारे
बाथरूम सेल्फी पोस्ट करके ट्रोल हो गए तुषार कपूर, लोग बोले- ‘बूढ़े हो गए हो गुरू’