मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को पाकिस्तान ने अफगान शांति प्रक्रिया के लिए नुकसानदेह बताया है. पाकिस्तान का ये बयान ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद आया है. जिसको लेकर पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद के सीनेट में ये आशंका जताई कि ताजा घटनाओं का असर अफगानिस्तान पर पड़ सकता है और इसका फायदा ऐसे तत्व उठाएंगे, जो लंबे समय से अफगानिस्तान में शांति बहाली के खिलाफ हैं.
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अफगानिस्तान में शांति बहाली करने के लिए गत वर्ष अमेरिका ने तालिबान के साथ कई दौर की बातचीत का दौर प्रांरभ किया था, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. ये माना जाता है कि ईरान तालिबान का समर्थन करता रहा है और यह खबर भी आती रही है कि तालिबानी आतंकियों को ईरान की तरफ से हथियार और दूसरी मदद मुहैय्या कराई जाती हैं. दूसरी तरफ अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति सरवर दानिश ने भरोसा जताया है कि हाल के तनाव से अफगान शांति प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दिसंबर 2018 में तालिबानी मिलिट्री कमीशन का प्रतिनिधिमंडल ईरान गया था और यह खबर आई थी कि तालिबानी आतंकियों को ईरान से मदद मिलती है. कुरैशी के बयान से साफ है कि भविष्य में कहीं न कहीं अमेरिका-तालिबान बातचीत के नाकाम होने की स्थिति में पाकिस्तान इसका ठीकरा ईरान पर फोड़ सकता है.
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