जयपुर: बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने गहलोत सरकार पर 'तुष्टीकरण' की नीति अपनाने एवं आतंकवादियों के खिलाफ नरम रुख अपनाने का इल्जाम लगाया। उन्होंने 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट के अपराधियों को रिहा किए जाने का भी जिम्मेदार राजस्थान सरकार को ठहराया। राजस्थान के आबू रोड में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर कटाक्ष किया तथा कहा, "मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं है, वे उन पर विश्वास नहीं करते हैं।"
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने सचिन पायलट द्वारा गहलोत सरकार पर निशाना साधे जाने को लेकर कहा, "सरकार में हर कोई एक-दूसरे का अपमान करने की होड़ में है। जब (कांग्रेस सरकार के) पूरे पांच साल (मुख्यमंत्री की) कुर्सी संकट में रही, तो राजस्थान के विकास की कौन परवाह करेगा।" दरअसल, मंगलवार को राजस्थान कांग्रेस के नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा था कि अशोक गहलोत का पिछला भाषण हमने सुना, इस भाषण को सुनने के बाद मुझे लगता है कि उनकी (अशोक गहलोत) नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं। 2008 के जयपुर सीरियल धमाकों का जिक्र करते हुए पीएम ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मामले को मजबूती से नहीं लड़ा, जिसकी वजह से सभी रिहा हो गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में राजस्थान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया, "राजस्थान में कांग्रेस सरकार वोट बैंक की राजनीति की वजह से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने से डर रही है।" इससे पहले बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने नाथद्वारा में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का आरम्भ किया। इस के चलते राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत को अपना मित्र बताया। तो इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा, हमारे बीच दुश्मनी नहीं है। केवल विचारधारा की लड़ाई है। हालांकि, गहलोत ने ERCP प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाते हुए कहा, राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल का संकट है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अगर जल संकट की समस्या का समाधान पहले कर लिया गया होता तो जल जीवन मिशन की जरुरत ही नहीं पड़ती। बता दें कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट के नेतृत्व में जुलाई 2020 में कांग्रेस के 18 विधायकों ने बगावत कर दी थी। पार्टी हाईकमान के दखल के पश्चात् एक महीने तक चला ये राजनीतिक ड्रामा समाप्त हुआ था। तत्पश्चात, पायलट को उपमुख्यमंत्री पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
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