नई दिल्ली। शादी के रजिस्ट्रेशन को लेकर विधि आयोग ने विभिन्न धर्मों के लिए शादी का पंजीकरण अनिवार्य करने और शादी का पंजीकरण न करने पर जुर्माना आरोपित करने की सिफारिश की है। जिसमें कहा है कि विभिन्न धर्मों में शादी का पंजीयन शादी समारोह के 30 दिन के अंदर होना चाहिए। दरअसल शादी के रजिस्ट्रेशन को आधार से जोड़ने का सुझाव दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार जन्म व मृत्यु पंजीकरण कानून में संशोधन के ही साथ विवाह पंजीकरण शामिल किए जाने की बात सिफारिश में कही गई थी। इस मामले में विधि आयोग ने कहा कि जन्म मृत्यु के पंजीयन की ही तरह शादी का पंजीयन भी होना चाहिए।
सिफारिश की गई कि यदि पंजीयन तय समय पर नहीं करवाया जाता है तो फिर पंजीयन के लिए जुर्माना लगाना चाहिए। जुर्माना 5 रूपए प्रति दिन के अनुसार लगाया जाना चाहिए।
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