बांका: बिहार के बांका (Bihar Banka) में फर्जी जमानत पत्र से अभियुक्त को छुड़ाने की घटना सामने आई है. पुलिस के मुताबिक, यहां एक अधिवक्ता तथा एक अन्य शख्स एक अपराधी की जमानत कराने पहुंचे. जब जमानत स्लिप पुलिस (Police) को दी तो पुलिस को शक हुआ. पुलिस ने जब जमानत स्लिप (Bail slip) की तहकीकात कराई तो वह फेक निकली. तत्पश्चात, पुलिस ने अधिवक्ता के साथ एक अन्य शख्स को गिरफ्तार कर लिया.
खबर के मुताबिक, दो साल पूर्व बांका थाने में एक मामला दर्ज कराया गया था. इसमें 8 अपराधियों को फजे कागजात के आधार पर रिहाई दिलाने का झांसा दिया गया था, किन्तु पिछली रात फेक कागजों के आधार पर रिहा चुके शीलधर यादव को बांका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. फिर उसे बंद कर दिया. सोमवार को शीलधर यादव की गिरफ्तारी की खबर होने पर उसका रिश्तेदार पंचू यादव तथा अधिवक्ता विकास साह बांका थाने पहुंचे. उन्होंने जमानत की स्लिप थाना प्रभारी को दिखाई.
तत्पश्चात, जमानत वाले कागज को लेकर पुलिस को शंका हुई. पुलिस ने उस कागज की तहकीकात कराई. पुलिस की तहकीकात में जमानत स्लिप (Fake bail slip) फर्जी निकली. इसके बाद तत्काल दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार वकील इससे पहले भी ऐसी करतूतों को अंजाम दे चुका है. पहले अधिवक्ता को चेतावनी मिल चुकी थी. किसी भी अभियुक्त की जमानत का ठेका ले लिया तथा अदालत से फर्जी जमानत तैयार कर बेल करवाई है. बांका थाने के ASI आलोक कुमार के बयान पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में अपराधी अधिवक्ता ने कहा कि जमानत की स्लिप उसकी नहीं किसी और अधिवक्ता की है. वहीं थानाध्यक्ष शंभु यादव ने कहा कि फर्जी जमानत के आधार पर अभियुक्त को छुड़ाना आपराधिक कृत्य है, इसे लेकर तहकीकात चल रही है. बहुत जल्द दोनों को जेल भेजा जाएगा.
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