रावण कि अगर बात करें तो जहां तक सभी यह जानते हैं कि रावण एक पापी, दुष्ट दानव था। जिसे अपने पापों का दण्ड भी मिला। लेकिन यह बात भी सच है कि रावण जैसा बुद्धिमान महापंडित अभी तक कोई नहीं लेकिन कोई कितना भी ज्ञानी क्यों ना हो उससे एक गलती तो निश्चित ही हो जाती है लेकिन रावण ने लक्ष्मण को अपनी तीन गलतिय ऐसी बताई जो सभी के लिए जीवन मंत्र के समान है तो आइये जानते है वह तीन बाते कौन सी है?
1. पहली बात- जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो कर डालना और अशुभ को जितना टाल सकते हो टाल देना चाहिए यानी ‘शुभस्य शीघ्रम्’। रावण ने लक्ष्मण को बताया, ‘मैं श्रीराम को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देरी कर दी, इसी कारण मेरी यह हालत हुई’।
2.दूसरी बात- इसके बाद रावण ने लक्ष्मण को जो दूसरी बात बताई वह और भी हैरान कर देने वाली थी। उसने कहा, “अपने प्रतिद्वंद्वी, अपने शत्रु को कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए, वह आपसे भी अधिक बलशालि हो सकता है। मैंने श्रीराम को तुच्छ मनुष्य समझा और सोचा कि उन्हें हराना मेरे लिए काफी आसान होगा, लेकिन यही मेरी सबसे बड़े भूल थी।“
3.तीसरी बात- रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और अंतिम बात ये बताई कि अपने जीवन का कोई राज हो तो उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए। यहां भी मैं चूक गया क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था, अगर उसे मैं यह ना बताता तो शायद आज मेरी यह हालत ना होती।“
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