नई दिल्ली: आज सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए। इस दौरान उन्होंने महाभारत, चक्रव्यूह, अभिमन्यु, शिव की बारात जैसी तमाम बातों पर बहुत कुछ कहा। फिर उन्होंने बजट की हलवा सेरेमनी की एक तस्वीर सदन में दिखाई। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इसमें आपको एक भी OBC, दलित, जनजाति या फिर अल्पसंख्यक अधिकारी नहीं दिखेगा। वह कहते हैं कि देश का हलवा बंट रहा है और उसमें 73 प्रतिशत लोग शामिल ही नहीं है। सिर्फ 20 अफसरों ने बजट तैयार कर दिया, जिसमें 1 OBC और 1 अल्पसंख्यक है। लोकसभा में विपक्ष के नेता जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे राहुल गांधी की इस बात पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण माथा पीटती हुई दिखाई दी। वह हंसते हुए दोनों हाथ अपने माथे पर रख लेती हैं।
हालाँकि, राहुल गांधी फिर भी नहीं रुकते, वे कहते हैं कि यह हंसने की बात नहीं है। देश के ओबीसी, दलित और आदिवासी से संबंधित मामला है। राहुल गांधी ने कहा कि देश के बजट की हलवा सेरेमेनी में दो से तीन प्रतिशत लोग ही नज़र आते हैं और यह हलवा इतने ही लोगों में बांटा जाता है। नेता विपक्ष ने आगे कहा कि यह हंसने का विषय नहीं है। कमाल की बात है, हम तो जाति जनगणना कराना चाह रहे हैं, जिससे देश बदल जाएगा। राहुल गांधी ने सदन में ये भी कहा कि हम वादा करते हैं कि हमारी सरकार आई, तो इसी संसद में जातिगत जनगणना का बिल पास करेंगे और किसानों की MSP गारंटी वाल का बिल पास करेंगे।
क्यों हंसी थी वित्त मंत्री ?
दरअसल, नेता विपक्ष राहुल गांधी कई बार ओबीसी, दलित और आदिवासी मुख्य सचिव और अन्य अफसरों की कमी का सवाल उठा चुके हैं और कई बार भाजपा नेता इसका जवाब दे चुके हैं। पिछले सप्ताह भी केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। आज जो लोग मुख्य सचिव जैसे पदों पर आकर बैठे हैं, वे आपके (कांग्रेस के) कार्यकाल में ही नौकरी पर पाए थे, आज 1992 बैच के अधिकारी इस पद पर हैं, कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। इन अफसरों को हमने इस पद पर नहीं रखा है। इसलिए राहुल गांधी को यह सवाल कांग्रेस की पूर्व सरकारों से करना चाहिए। नड्डा ने कहा था कि नेता विपक्ष होने के नाते राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी रखनी चाहिए और तैयारी करने जिम्मेदारी के साथ सदन में बोलना चाहिए। नड्डा ने कहा था कि वह तो ट्यूशन लेकर बोलते हैं, वह भी NGO वाला, नेताओं से ट्यूशन लें तो भी ठीक है।
तेलंगाना सरकार ने SC-ST कल्याण के फंड पर चलाई कैंची।
— Prashant Umrao (@ippatel) July 26, 2024
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 36% बढ़ाया और SC ST के कल्याण के लिए बजट में पैसे किए कम। pic.twitter.com/jNWGsuAELX
कांग्रेस शासित राज्यों में क्या है दलित-आदिवासियों का हाल:-
बता दें कि चुनावों में और संसद में तो राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर दलित आदिवासियों की खूब आवाज़ उठाते हैं, लेकिन जहाँ उनकी पार्टी खुद शासन कर रही है, वहां इन दोनों वर्गों का हक़ मारा जा रहा है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार SC/ST फंड में से 14000 करोड़ रूपए निकल चुकी है। साथ ही कर्नाटक में वाल्मीकि विकास विभाग में भी बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसके चलते एक अधिकारी ने सुसाइड भी कर लिया था। वहीं, तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने SC/ST का बजट 21000 करोड़ से घटाकर 7000 करोड़ कर दिया है, लेकिन अल्पसंख्यकों का बजट 2000 करोड़ से बढाकर लगभग 3000 करोड़ कर दिया है। साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए रमजान, तब्लीगी जमात की मीटिंग आदि के लिए भी अलग से करोड़ों रूपए आवंटित किए हैं, जबकि दूसरे त्यहारों के लिए ऐसा नहीं है। इन दोनों राज्यों में OBC कोटे से मुस्लिमों को आरक्षण भी दिया जा रहा है। यानी उन्हें अल्पसंख्यक का लाभ भी मिल रहा है और आरक्षण भी। जबकि SC/ST और OBC समुदाय को सिर्फ आरक्षण का सहारा है। अपने राज्यों में हो रही इन गतिविधियों पर राहुल गांधी और अधिकतर मीडिया खामोश हैं, लेकिन सोशल मीडिया खामोश नहीं है।
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