हम में से कई लोग अकेलेपन का शिकार होते है, वह अकेलेपन का शिकार होते है. इसके पीछे का कारण क्या है वह नहीं जानते. कई लोग सिंगल होते है, जो इस चीज का दुखड़ा भी रोते है. मगर रिलेशनशिप में जाने को लेकर कुछ करते नहीं है. अकेलेपन का कारण कई हद तक हम खुद ही होते है. कुछ बातो का ख्याल रख सिंगल से मिंगल हुआ जा सकता है. हमारी कुछ इच्छाएं होना स्वाभाविक है.
जरूरी नहीं कि हर ख्वाहिश तर्कसंगत हो. इसलिए कभी-कभी अपने बारे में सोचना गलत नहीं है. एक और बात, लोग किसी बात को सुनते है और जवाब दे देते है, उस पर विचार नहीं करते. इसलिए हर समय प्रतिक्रिया जरूरी नहीं. कई बार कुछ बातें ऐसे ही कर दी जाती है, अपने मन को हल्का करने के लिए. कई बार ऐसा भी होता है कि कोई आपके साथ समय बिताना चाहे तब वह ऐसी बातें कर बैठता है. सिर्फ अपने बारे में सोचना बंद कर दे. स्वार्थी होना छोड़ दे.
कई लोग रिश्ते में जाने के बाद खुद में बदलाव करने की बात से डरते है मगर कुछ हद तक बदलाव गलत नहीं है. समझौते हमेशा गलत नहीं होते. कुछ लोग त्याग के नाम से भी डरते है, इसलिए सिंगल रहना पसंद करते है. मगर त्याग आपके व्यक्तित्व को सम्पूर्ण बनाता है. कुछ लोग मन में ये ख्याल रखते है कि हम तो हमेशा सिंगल रहेंगे और इस ख्याल से वह वास्तव में सिंगल रह जाते है.
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