कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद अब होने वाले विधानसभा उपचुनाव में लेफ्ट ने नाता तोड़ दिया है. लेफ्ट ने कांग्रेस से चुनावी गठबंधन को लेकर चर्चा किए बगैर ही अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. वाममोर्चा के साथ गठबंधन के बाद से कांग्रेस 2016 से इस सीट पर अपना प्रत्याशी खड़ा करता आ रही है, लेकिन इस बार चर्चा किए बिना ही लेफ्ट ने अपना उम्मीदवार उतार दिया.
भवानीपुर से जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी पहले ही शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी, दिनहाटा से उदयन गुहा, खड़दह से शोभनदेव चट्टोपाध्याय और गोसाबा से सुब्रत मंडल को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर चुकी हैं. इन सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग हैं. बंगाल में लेफ्ट ने कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए चार विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में अकेले लड़ने का निर्णय लिया है. वाममोर्चा ने कांग्रेस से चुनावी गठबंधन को लेकर बातचीत किए बगैर ही अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है.
दो सीटों पर CPIM व एक-एक सीट पर फारवर्ड ब्लाक व RSP चुनाव लड़ेगी. गोसाबा, शांतिपुर, दिनहाटा और खड़दह में उपचुनाव प्रस्तावित हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वाममोर्चा ने फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ भी इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की है, जो पिछले विधानसभा चुनाव में उसके साथ गठबंधन में रही थी. दिनहाटा से फारवर्ड ब्लाक के टिकट पर अब्दुर रउफ को टिकट दिया गया है. रउफ फारवर्ड ब्लाक के पुराने नेता हैं और अतीत में MLA भी रह चुके हैं.
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