कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार जोरों पर है और पहले चरण की वोटिंग के लिए कुछ दिन ही शेष रह गए हैं. ऐसे में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तरफ से चुनावी घोषणा पत्र जारी किए जा रहे हैं. 10 वर्षों बाद सत्ता में वापसी की कोशिशों में लगे वाम मोर्चे ने भी अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि सत्ता में आए तो यहां पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू नहीं होने देंगे.
वाम मोर्चे ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया. मैनिफेस्टो में मोर्चा ने राज्य में कानून के शासन को बहाल करने का वादा किया और इस बात पर जोर दिया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) किसी भी सूरत में लागू नहीं किया जाएगा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के नेतृत्व वाले मोर्चे ने धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का पालन करने और मुसलमानों समेत भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया.
CPIM के राज्य मुख्यालय में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र में कहा गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने देश के धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी ताने-बाने पर हमला किया है. नागरिकता का निर्धारण करने के लिए धर्म को एक यातना के रूप में उपयोग किया गया है. अल्पसंख्यकों के अधिकारों में धीरे-धीरे कमी आ रही है.
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