नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 12 दिसंबर को आयोजित ‘द साबरमती रिपोर्ट’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के चलते हिंसा और पथराव की घटना सामने आई। घटना के चलते कई छात्र घायल हुए, जिनमें से कुछ को मामूली चोटें आई हैं। आइये बताते हैं क्या है पूरा मामला?
क्या है मामला?
जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने जानकारी दी कि पथराव स्क्रीनिंग के समय ही शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि इस अप्रत्याशित हिंसा की वजह से स्क्रीनिंग को थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा। हालांकि, बाद में स्थिति सामान्य होने पर इसे दोबारा शुरू किया गया। इस दौरान छात्रों के बीच भय और तनाव का माहौल बन गया।
एबीवीपी का बयान
घटना के पश्चात् एबीवीपी की दिल्ली इकाई ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अपने आधिकारिक बयान में एबीवीपी ने लिखा, "गोधरा की सच्चाई न 20 साल पहले इनसे बर्दाश्त हुई थी, न आज हो रही है। अभाविप-जेएनयू द्वारा जेएनयू के साबरमती ढाबे पर ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ठेकेदारों ने छात्रों पर पत्थर फेंके, स्क्रीनिंग में बाधा डाली और पोस्टर फाड़ दिए।”
क्या है फिल्म में?
‘द साबरमती रिपोर्ट’ डॉक्यूमेंट्री गोधरा कांड पर आधारित है। इसमें अभिनेता विक्रांत मैसी ने एक पत्रकार का किरदार निभाया है। कहानी उस साजिश पर प्रकाश डालती है, जिसके तहत साबरमती एक्सप्रेस में कारसेवकों को जिंदा जलाए जाने की घटना को दबाने का प्रयास किया गया था। डॉक्यूमेंट्री यह दिखाने की कोशिश करती है कि कैसे सच को छिपाने के लिए व्यापक षड्यंत्र रचा गया।
वही घटना के पश्चात् विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में तहकीकात आरम्भ कर दी है। पुलिस को भी इस मामले की सूचना दी गई है। घायल छात्रों का मेडिकल परीक्षण कराया गया तथा स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ने परिसर में गश्त बढ़ा दी है। घटना के पश्चात् छात्रों ने कहा कि यह हमला उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। कुछ छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।