नई दिल्ली: कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद के शीतकालीन सत्र पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि देश में हिंदुओं और मुसलमानों की तरह ईसाइयों को भी अपने त्योहार मनाने का अवसर मिलना चाहिए। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से आरम्भ होगा और यह 29 दिसंबर को खत्म होगा। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। इसी बीच ईसाइयों का त्योहार क्रिसमस भी 25 दिसंबर को आने वाला है।
कांग्रेस नेता चौधरी ने आगे कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि क्रिसमस को देखते हुए संसद सत्र की तारीख निर्धारित की जानी चाहिए। उन्होंने मौजूदा सत्र की तारीखों में संशोधन के सवाल पर कहा कि जैसे हिंदू और मुसलमानों का त्यौहार होता है, वैसे ही क्रिसमस भी ईसाईयों का त्यौहार है। वहीं, विपक्षी दलों ने संसद सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, चीन सीमा की स्थिति जैसे मसलों पर चर्चा की मांग की। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन से लगी बॉर्डर की स्थिति, कॉलेजियम के मुद्दे से संबंधित विषय, केंद्र राज्य संबंध एवं संघीय ढांचे का विषय एवं आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को आरक्षण पर अदालती फैसले समेत कुछ अन्य मुद्दों को उठाने एवं चर्चा कराने के लिये पर्याप्त वक़्त देने की मांग की है।
संसद सत्र से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस, TMC, DMK, BJD, AAP समेत 31 सियासी दलों के सदन के नेताओं ने भाग लिया। सरकार ने इस बैठक में आश्वस्त किया कि वह लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति की इजाजत से नियमों के तहत विपक्ष के उठाये मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। इस मीटिंग के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रेस वालों से कहा कि, 'देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और केवल चर्चा करना चाहता है। ऐसे में चर्चा के लिये पर्याप्त वक़्त देकर सरकार को सदन में कामकाज का माहौल तैयार करना चाहिए।'
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