लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बिजली चोरी का आरोप लगा है। बिजली विभाग की टीम ने 19 दिसंबर 2024 को उनके घर पर तलाशी ली। इस दौरान टीम को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, और परिवार के सदस्यों ने बिजली मीटर की जाँच करने से रोकने की कोशिश की। हालात इतने बिगड़ गए कि सांसद के परिवार वालों ने अधिकारियों को धमकी दे दी।
#WATCH | UP Electricity Department search at SP MP Zia ur Rehman Barq's residence | DK Gupta, senior engineer State Electricity Department says, "A team of five people went to his (Zia ur Rehman Barq) residence in the morning. They (family members) were not allowing to conduct… pic.twitter.com/VZN4VB3a2F
— ANI (@ANI) December 19, 2024
बिजली विभाग के वरिष्ठ इंजीनियर डीके गुप्ता ने बताया कि जियाउर्रहमान बर्क के घर पर दो मीटर लगे हैं, जिनमें से एक उनके नाम पर और दूसरा उनके दादा और पूर्व सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क के नाम पर है। जाँच में पाया गया कि दोनों मीटरों में छेड़छाड़ (टेम्परिंग) की गई थी। यही नहीं, पिछले एक साल से मीटर की रीडिंग शून्य दर्ज की जा रही थी, जिससे यह साफ हो गया कि सपा सांसद के घर में बिजली चोरी की जा रही थी। बिजली विभाग ने इन पुराने मीटरों को जब्त कर जाँच के लिए भेजा और उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए। इस मामले में एंटी पावर थेफ्ट धारा 135 के तहत FIR दर्ज की गई है।
जाँच के दौरान सांसद के अब्बू ममलूक रहमान बर्क ने अधिकारियों को धमकाते हुए कहा, "जब हमारी सरकार आएगी, तब हम देख लेंगे।" यह बयान यह संकेत देता है कि सत्ता में आने पर कानून को ताक पर रखने की धमकी दी जा रही है। सके अलावा, जब टीम ने घर में घुसकर बिजली मीटर की जाँच की, तो जूनियर इंजीनियर (JE) को भी धमकाया गया। इस पर बिजली विभाग ने धमकी देने के लिए अलग से FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है।
सपा सांसद और उनके समर्थक न केवल बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए हैं, बल्कि प्रशासन का सहयोग करने के बजाय उसे धमकाने में जुट गए। सवाल यह उठता है कि आज जब सपा सत्ता में नहीं है, तब ये अधिकारियों को धमका रहे हैं। अगर उनकी सरकार आ गई, तो नियम-कानून का क्या हाल होगा? और जब वो सत्ता में रही होगी तब नियम-कानून का क्या ही पालन होता होगा? क्या इससे यह मान लिया जाए कि उनके समर्थकों को बिजली चोरी करने या अन्य गैरकानूनी काम करने की छूट मिल जाएगी?
यह घटना इस बात की झलक दिखाती है कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में रही होगी, तब नियमों की कैसी अनदेखी की गई होगी। आज सत्ता से बाहर रहने के बावजूद, सपा सांसद के समर्थक प्रशासन को धमकाने की हिम्मत कर रहे हैं। अगर भविष्य में यह पार्टी फिर सत्ता में आई, तो नियम-कानून की धज्जियाँ उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके परिवार द्वारा अधिकारियों को धमकाने की घटना यह भी दिखाती है कि कैसे कुछ लोग कानून का पालन करने के बजाय उसे दबाने की कोशिश करते हैं। यह सिर्फ एक बिजली चोरी का मामला नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था और शासन के प्रति कट्टरपंथी मानसिकता का उदाहरण है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके परिवार का यह रवैया न केवल कानून की अनदेखी करता है, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग का भी संकेत देता है। आज जब वे सत्ता से बाहर हैं, तब यह हाल है।
अगर भविष्य में सपा की सरकार बनती है, तो यह तय है कि कानून व्यवस्था की हालत और बिगड़ेगी। सवाल यह है कि क्या जनता ऐसे नेताओं को फिर से सत्ता सौंपने का जोखिम उठाएगी?